कैलाश जोशी ( अकेला )
देहरादून। उत्तराखण्ड कांग्रेस के शीर्ष नेता व पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत अपने राजनीतिक विरोधियों पर भारी पड़ते नजर आए। हरीश रावत की रणनीति की बदौलत राहुल गांधी की रैली पूवी तरह से सफल रही। इस रैली ने यह भी साबित कर दिया है कि कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी को हर मोर्चे में कड़ी टक्कर देगी।
कांग्रेस आलाकमान ने लगभग दो महीने पूर्व आगामी विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव संचालन की कमान हरीश रावत को सौंपी थी। जिस समय उनके हाथों में चुनाव संचालन की कमान हरीश के हार्थो में आई थी। उस समय कांग्रेस के भीतर गुटबाजी चरम पर थी। ऐसा लग रहा था कि हरीश को भाजपा से कम अपनों से अधिक खतरा है। पर हरीश रावत पूरी तरह से खतरों के खिलाड़ी निकले। उन्होंने पूरी सूझबूझ के साथ एक बार फिर कांग्रेस को एकजुट करने में अपनी पूरी ताकत झोंक दी। जिससे उत्तराखण्ड में बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस को संजीवन मिलनी शुरू हो गयी। कांग्रेस के शीर्ष नेता राहंुल गांधी की रैली को सफल बनाने के लिए भी मुख्य रूप से उन्होंने ही रणनीति तैयार की और प्रदेश की हर विधानसभा से चुनाव लड़ने के इच्छुक दावेदारों को राहुल गांधी की रैली में अपने जनशक्ति दिखाने को कहा। जिससे दूर दराज इलाकों को छोड प्रदेश के हर विधानसभा टिकट के दावेदारो ने भीड़ जुटाकर राहुल गांधी की रैली को अपार सफलता दिलाई। आलम यह था कि रैली समाप्त होने के बाद भी दून के बाहरी जिलों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बसें भर भर कर आ रही थी। जिसने सही मायनों में इस रैली को ऐतिहासिक बना दिया।