देहरादून। कांग्रेस ने हरीश रावत के रामनगर सीट से लड़ने का ऐलान किया तो एक सस्पेंस खत्म हुआ, लेकिन दूसरा पैदा हो गया. कांग्रेस के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रणजीत सिंह रावत का दावा है कि इस सीट से टिकट के लिए पार्टी ने उन्हें आश्वस्त किया था, लेकिन ऐन समय पर फैसला बदल गया। अब वह एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी में दिख रहे हैं।
पहला मामला तो रणजीत रावत का ही है, जिन्हें कांग्रेस पार्टी ने टिकट जारी करते समय रूठों को मनाने की ज़िम्मेदारी सौंपी थी। अब उनका कहना है, ‘मुझे ही पार्टी ने रूठों की श्रेणी में रख दिया है।’ हरदा को रामनगर से टिकट दिए जाने पर वह बोले, ‘कांग्रेस ने मुझे आश्वासन दिया था और मैं पिछले पांच सालों से इस क्षेत्र में काम कर रहा था। अब मैं अपने साथियों के साथ विचार विमर्श कर रहा हूं और जल्द ही अपने अगले कदम के बारे में खुलासा करूंगा।’ इस बयान के संदर्भ में चर्चा यह चल रही है कि रणजीत रावत निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ सकते हैं। हालांकि कांग्रेस उन्हें सल्ट से टिकट देकर मना सकती है।