भारत-नेपाल सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी

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भारतनेपाल सीमा पर बढ़ाई गई चौकसी

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

 

ओमिक्रोन को लेकर भारत-नेपाल सीमा पर जांच बढ़ा दी गई है। उपजिलाधिकारी और सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने अंतरराष्ट्रीय झूला पुल पर जांच का निरीक्षण किया। इस दौरान पुल पर तैनात चिकित्सा टीम को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।उपजिलाधिकारी ने बताया कि कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर नेपाल सीमा पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। अकेले धारचूला पुल से दो से ढाई हजार लोग आवाजाही कर रहे हैं। वर्तमान स्थिति को देखते हुए गहन जांच आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पुल पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं जिससे आने जाने वालों का पता तो चल रहा है, परंतु भारत आने वाले में ऐसे लोग भी हो सकते है जो बुखार, सर्दी जुकाम से भी पीड़ित हों। इसके लिए चिकित्सा टीम को उन्हें वापस लौटाने को कहा गया है। नए साल से सुबह से सायं पुल बंद होने तक जांच हो रही हैं। एसडीएम का कहना है कि इस मामले में अब किसी तरह की भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। जिसके लिए चिकित्सा विभाग को सख्त निर्देश दे दिए गए हैं। सभी आने वालों की जांच आवश्यक है।सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने बताया कि उन्हें प्रतिदिन जितने की किट मिल रहे थे उसके अनुसार जांच हो रही थी। अब शासन के निर्देशों के तहत जांच बढ़ा दी गई है। पुल पर तैनात चिकित्सा कर्मियों को इसके निर्देश दिए जा चुके हैं। जिले के अन्य अंतरराष्ट्रीय झूला पुलों पर भी जांच बढ़ा दी गई है। उत्तराखंड में कोरोना संक्रमित मरीजों के मिलने का सिलसिला लगातार जारी है. यहां ओमिकॉन के मामले सामने आने के बाद स्वास्थ्य महकमा और सरकार अलर्ट है. कोविड जांच तेज कर दी गई है. इसी के चलते भारत नेपाल सीमा पर जांच के दौरान स्वास्थ्य विभाग को 12 लोग कोरोना संक्रमित मिले हैं. इनकी जांच में कोरोना की पुष्टि होने के बाद इन्हें वापस नेपाल लौटा दिया गया है. इसके अलावा जहां से भी कोराना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं उसको देखते हुए उन्हें वहीं आइसोलेट किया जा रहा है.उत्तराखंड सरकार की ओर से कोरोना वायरस और ओमिक्रॉन वेरिएंट को लेकर निर्देश जारी किए गए हैं. हाल ही में देहरादून में चार ओमिक्रॉन के नए केस मिले थे. इसके बाद दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों पर खास नजर रखी जा रही है. इसके साथ ही भारत सीमा से सटे नेपाल में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से भी स्वास्थ्य विभाग की चिंता भी बढ़ी हुई है. इसी को लेकर सघन जांच की जा रही है. नेपाल से भारत आ रहे नेपाली नागरिकों की सीमा पर रोककर ही जांच की जा रही है, जिसमें वहां कोरोना संक्रमित लोगों की पुष्टि होने लगी है. स्वास्थ्य विभाग अंतरराष्ट्रीय झूलापुल पर कोरोना की जांच करने के लिए कैंप कर रहा है. इस दौरान नेपाल से भारत में प्रवेश करने वाले नेपाली नागरिकों की जांच की गई तो उनमें से बीते दो दिनों में 12 लोग संक्रमित सामने आए हैं. स्वास्थ्य विभाग ने सभी संक्रमितों को नेपाल वापस भेज दिया. वहीं कुछ व्यापारियों का कहना है कि नेपाल के कई व्यापारियों का भारत में निवास है. वह सुबह वहां व्यापार करने के लिए जाते हैं और वापस लौट आते हैं. ऐसे में अब उनके लिए जांच प्रक्रिया से गुजरना थोड़ा मुश्किल हो रहा है.स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि सभी को जांच की गई थी, जिसमें संक्रमण की पुष्टि होने के बाद उन्हें वापस नेपाल लौटा दिया गया. अधिकारियों के मुताबिक झुलापुल पर भारत की ओर से लगातार एंटीजन जांच की जा रही है. आरटीपीसीआर जांच भी जारी है. किसी भी तरह से इसमें ढिलाई नहीं दी जा रही है. कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो साल से तबाह नेपाल का पर्यटन उद्योग एक बार फिर ओमीक्रोन वायरस के खौफ से सहमा हुआ है। कोरोना के खौफ में 48 घंटे पहले की आरटीपीसीआर की अनिवार्यता को नेपाल सरकार ने कड़ाई से लागू कर दिया है। पिछले एक सप्ताह में कई भारतीय टूरिस्टों को बार्डर से लौटाया गया है। ऐसे में ट्रैवेल एजेंटों के पास पूछताछ भी काफी कम हो गई है। स्थिति सामान्य होती तो नेपाल में बड़ी संख्या में सैलानी जाते हैं। ट्रैवेल एजेंट बताते हैं कि सामान्य दिन होते तो नये साल में पूरे देश से 2000 से अधिक छोटी-बड़ी गाड़ियां नेपाल को एंट्री करती, लेकिन ओमीक्रोन के खौफ में सब बर्बाद हो गया।