देहरादून। उत्तराखण्ड विधानसभा चुनाव में जीत का सेहरा किसके सर बंधेगा यह तो मतगणना के बाद ही पता चलेगा। किन्तु चुनाव के बाद कांग्रेस और भाजपा दोनों की अपनी जीत के लिए पूरी तरह से कान्फिडेंट दिखाई दे रहे है। इसलिए दोनों दलों में इन दिनों मुख्यमंत्री पद के लिए लाबिंग शुरू हो गयी है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पद के लिए सबसे अधिक घमासान भाजपा में मचा हुआ है। भाजपा में अंदुरूनी राजनीतिक गतिविधियां तेज होती नजर आ रही है।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हुए 9 दिन पूरे हो गए हैं और अब मत करना गणना के लिए 17 दिन का समय शेष है ऐसे में भाजपा और कांग्रेस अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं यही नहीं दोनों राजनीतिक दलों में मुख्यमंत्री पद के लिए लॉबिंग भी शुरू हो गई है ऐसे में अब चर्चाएं इस बात की तेज हो गई है कि मतगणना के बाद जिस दल के पक्ष में भी परिणाम आएंगे कहीं कुछ में मुख्यमंत्री पद को लेकर रस्साकशी ना शुरू हो जाएगी। बता दें कि उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव 14 फरवरी को संपन्न हो चुके हैं अब परिणाम का इंतजार है इस बीच सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत के दावे शुरू कर दी हैं लेकिन 10 मार्च के बाद ही पता चल पाएगा कि जनता ने किसके पक्ष में अपना मत दिया है। यदि कांग्रेस की बात करें तो यहां चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत लगातार मुख्यमंत्री पद को लेकर अपनी इच्छाएं जाहिर करते रहे हैं लेकिन अब उनके सुर बदलने लगे हैं उन्होंने मुख्यमंत्री पद का निर्णय कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी पर छोड़ दिया है वहीं उन्होंने अपने बयान में उत्तराखंड में दलित मुख्यमंत्री देखने की बात भी कही थी। हरीश रावत बने यह अपने आप को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश करते रहे हो लेकिन नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी इस दौड़ में बताए जा रहे हैं ऐसे में यदि जनता ने कांग्रेस के पक्ष में अपना फैसला सुनाया तो मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान दिखाई दे सकती है। वहीं भाजपा में कई नेता मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर बताया जा रहे हैं जिनमें प्रमुख रूप से वर्तमान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का नाम सबसे आगे चल रहा है लेकिन स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत भी इस दौड़ में बने हुए हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि भाजपा आलाकमान ने साडे 4 साल तक मुख्यमंत्री रहे त्रिवेंद्र सिंह रावत को पद से हटाकर तीरथ सिंह रावत को मुख्यमंत्री बना दिया था लेकिन इसके बाद अचानक से युवा मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर सिंह धामी का नाम आगे कर दिया ऐसे में यदि परिणाम भाजपा के पक्ष में आए तो मुख्यमंत्री कौन होगा यह भी अभी भविष्य के गर्भ में है। गौर करने वाली बात यह है कि प्रचंड बहुमत की सरकार में तीन मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा आलाकमान ने यह संदेश दिया था कि वह कोई भी चौंकाने वाला निर्णय ले सकता है ऐसे में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि मतगणना के बाद यदि परिणाम भाजपा के पक्ष में आए तो प्रदेश में मुख्यमंत्री कोई चौंकाने वाला नाम भी सामने आ सकता है।