देहरादून। समाजसेवी भावना पाण्डे ने कहा कि पूरे प्रदेश के जंगलों में भीषण आग लगी है। जिससे जंगलों के किनारे बसे गांव के लोग दहशत के साए में जीने को मजबूर है किन्तु प्रदेश सरकार उनकी सुध लेने को तैयार नही है। अब तक करोड़ों रूपए की वन संपदा खाक हो चुकी है। किन्तु इससे ऐसा लगता है कि राज्य सरकार को इससे कोई सरोकार नही है।
भावना पाण्डे ने कहा कि पहाड़ी राज्य उत्तराखण्ड में हर साल फायर सीजन के दौरान जंगलों में आग लगती है। किन्तु राज्य गठन के 20 साल से उपर गुजर जाने के बाद भी जंगलों की आग पर काबू पाने के लिए कोई ठोस कार्ययोजना तैयार नही की जा सकी है। यह प्रदेश में आई अबतक की सरकारों की संवेदनहीनता को दर्शाता है। आग की चपेट में आकर सैकड़ों वन्यजीव असमय काल का ग्रास बनते है। इस दौरान ग्रामवासियों का भी जीना मुहाल हो जाता है। पर न तो केन्द्र सरकार और न ही राज्य सरकार इस मामले में तत्परता के काम करती दिखी। जब पानी सर से उपर हो जाता है तभी सरकार हरकत में आती है। वनों में बेसकीमती लड़किया और जीवन रक्षक जड़ी बुटियां हर साल बड़ी संख्या में आग की भेंट चढती है। उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि वे वन अग्नि पर नियंत्रण के लिए ठोस कार्ययोजना तैयार करें। जिससे कि जानमाल व वनसंपदा की सुरक्षा की जा सके।