बदरीनाथ में एक लाख श्रद्धालुओं का आंकड़ा पार
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
अक्षय तृतीया के दिन तीन मई से यात्रा शुरू हुई थी। 12 दिन के भीतर ही यात्रा चरम पर है। खात बात यह है कि इस वर्ष यात्रा में आने से पूर्व श्रद्धालुओं को धामों के दर्शन की तिथि लेनी पड़ रही है। राज्य सरकार की ओर से यात्रियों को किसी भी तरह की परेशानी से बचाने के लिए पंजीकरण और स्लाट बुकिंग करने का कदम उठाया गया है बीती तीन मई को अक्षय तृतीया के मौके पर चारधाम यात्रा शुरू हुई थी। वहीं यात्रा के लिए श्रद्धालुओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है। इसकी एक वजह कोरोना संक्रमण के दो साल बीत जाने के बाद व्यापक स्तर पर यात्रा का होना माना जा रहा है।चारधाम यात्रा बस स्टैंड ऋषिकेश में विभिन्न धामों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ पंजीकरण कराने पहुंच रही है। रविवार को भी यहां कुछ ऐसा ही माहौल दिखाई दिया। काउंटर पर लंबी लाइन लग गई। गौरतलब है चारधाम यात्रा पर आने के लिए पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। राज्य सरकार की ओर से स्लाट खाली होने पर ही पंजीकरण करने के निर्देश जारी किए गए हैं। जिसके तहत ही पंजीकरण किए जा रहे हैं।बुकिंग का आलम यह है कि रविवार सुबह 8:30 बजे तक सिर्फ बदरीनाथ धाम का ही स्लाट उपलब्ध था। शेष तीनों धाम के स्लाट फुल हो चुके थे। वहीं चारधाम यात्रा पर रविवार की सुबह से ही बड़ी संख्या में राजस्थान, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि राज्यों से श्रद्धालु ऋषिकेश पंजीकरण केंद्र पहुंचे। यहां आकर श्रद्धालुओं को जानकारी दी गई थी कि जिस धाम के लिए भी बुकिंग पूर्ण हो रखी है, उस धाम के लिए पंजीकरण नहीं किया जाएगा।यात्री पंजीकरण करने के लिए दबाव बनाते नजर आए। पंजीकरण खिड़कियों पर भारी भीड़ आने से व्यवस्था प्रभावित होने लगी। जिसके लिए पुलिस चौकी और कोतवाली से अतिरिक्त पुलिसकर्मी तैनात करने पड़े। हालत यह है कि अन्य प्रांतों से ट्रैवल एजेंटों के जरिए यहां आने वाले यात्रियों के दलों को स्थानीय ट्रैवल एजेंटों के हवाले कर दिया गया है।चारधाम यात्रा में उमड़ रही भीड़ को देखते सचिव पर्यटन ने यात्रियों को सलाह दी है कि वे धामों में दर्शन की अगली उपलब्ध तिथियों पर पंजीकरण कराएं और इसके आधार पर ही यात्रा का प्लान बनाएं। सचिव पर्यटन ने कहा कि सरकार ने चारों धामों केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री में वहन क्षमता को ध्यान में रखते हुए धामों में दर्शनार्थियों की संख्या तय की है। इसी के आधार पर धामों में दर्शन के लिए पंजीकरण किए जा रहे हैं।रास्ते में किसी भी परेशानी से बचने के लिए यह जरूरी है। 31 मई तक यमुनोत्री धाम के दर्शन की बुकिंग फुल है। केदारनाथ धाम के लिए 25 तक और संपूर्ण चारधाम 17 मई तक दर्शन के लिए फुल है। शासन और प्रशासन की ओर से भी देश भर के श्रद्धालुओं से यह अपील की जा रही है कि बुकिंग का स्लाट देखने के बाद ही वह अपना यात्रा का कार्यक्रम निर्धारित करें।श्री बदरीनाथ धाम में यात्रियों की भीड़ है। शनिवार को बदरीनाथ धाम में यात्रियों का आंकड़ा एक लाख पार कर चुका है। हालांकि मंदिर मे दर्शनों के लेकर यात्रियों के लिए पर्याप्त इंतजाम हैं। बदरीनाथ धाम में शनिवार को 13,438 श्रद्धालु पहुंचे हैं इसी के साथ बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने से अब तक पहुंचे श्रद्धालुओं की संख्या 117703 हो गई है।दर्शनों में लगे सभी यात्रियों को कपाट बंद होने से पहले दर्शन हो जा रहे हैं। बदरीनाथ धाम में अभी भी पानी की किल्लत बनी हुई है। धाम में महायोजना के तहत चल रहे कार्यों में पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से पानी की दिक्कत सामने आई है।गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम की समस्या से मुक्ति नहीं मिल पायी है। यहां हर रोज यात्रियों को जाम के झाम से परेशान होना पड़ रहा है। शाम को हर्षिल और झाला के बीच दो किलोमीटर लंबा जाम लगा, जिसमें यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।पांच मीटर चौड़ी सड़क पर भारी वाहनों को अनुमति दी जा रही है। दोनों ओर से जब बड़ी बसे आ जा रही है तो बसों के पास होने के लिए स्थान नहीं है। जिसके कारण गंगोत्री हाईवे जाम जोन में तब्दील हो गया है।जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि यात्रा मार्गों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। जहां भी जाम की शिकायत आती है वहां तत्काल पुलिस कर्मियों को भेजा जा रहा है। यात्रा में वाहनों की संख्या बढ़ने के कारण जिन स्थानों पर मार्ग संकरा है वहां कुछ परेशानियां हो रही हैं।श्रद्धालुओं ने बैरियर पर ही मोबाइल के जरिये पंजीकरण कराया। इस बैरियर पर पंजीकरण की व्यवस्था न होने से उन श्रद्धालुओं को खासी दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं, जिनके पास सुविधायुक्त मोबाइल नहीं हैं।विद्यालयों में ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित होने वाला है जिसके बाद श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ेगी जिसके लिए नगर क्षेत्र के कुछ विद्यालयों को चिह्नित किया गया है। मैदान युक्त सुविधा वाले स्कूलों को सूची में प्राथमिकता दी गई है। इन स्कूलों की कक्षा और मैदान को श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए तैयार किया जाएगा। जिन विद्यालयों में शौचालयों की व्यवस्था पर्याप्त नहीं है, वहां पर अस्थायी शौचालय बनाने और साफ सफाई के लिए नगर निगम कहा गया है। पेयजल व्यवस्था के लिए जल संस्थान के अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं। ऐसे में जून पहले सप्ताह में केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। इन हालात में यात्रियों की निर्धारित संख्या कितने दिनों तक बनी रहेगी, यह भी देखने लायक होगा। बता दें कि वर्ष 2019 में केदारनाथ में अकेले जून माह में पांच लाख से अधिक यात्री पहुंचे थे, जो यात्रा के यात्रा के इतिहास में नया रिकॉर्ड है। जून पहले सप्ताह में केदारनाथ आने वाले यात्रियों की संख्या में इजाफा हो सकता है। चारधाम यात्रा में इस बार दर्शन करने को यात्रियों की क्षमता और वीआईपी दर्शन व्यवस्था खत्म करने से असमंजस की स्थिति पैदा हुई है। केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में क्षमता के दो से तीन गुना तक यात्रियों के पहुंचने से इंतजामों की पोल खुली है।निर्धारित क्षमता के अनुसार यात्रियों को धामों में भेजने की व्यवस्था को दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लग रही हैं। चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की भीड़ नियंत्रित करने को शासन ने केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में दर्शन करने को प्रतिदिन तीर्थयात्रियों की संख्या तय की थी।इसके बाद मुख्यमंत्री का बयान आया कि चारधाम में यात्रियों की कोई संख्या तय नहीं की गई है। हालांकि सरकार के स्तर पर प्रतिदिन के हिसाब से धामों पर तीर्थयात्रियों की संख्या पहले से ही निर्धारित थी। मुख्यमंत्री के बयान के बाद भी आदेश में कोई संशोधन नहीं हुआ। कुछ समय को तीर्थयात्रियों में असमंजस रहा कि वे पूर्व निर्धारित यात्रा पर निकलें या नहीं दर्शन के लिए वीआईपी प्रोटोकॉल का पालन होगा। लेकिन हेली सेवा से आने वाले यात्री भी लाइन में लग कर दर्शन करेंगे।