उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होम स्टे बन रहे हैं रोजगार का प्रमुख साधन
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
राज्य के पर्वतीय जिलों के युवा होम स्टे योजना से जुड़कर पर्वतीय क्षेत्रों में आने वाले पर्यटकों और ट्रैकरों को बेहतरीन सुविधा दे रहे हैं। पिथौरागढ़ जिले में 608 लोगों ने अपने घरों को होम स्टे में बदलने के लिए पंजीकृत किया है। इसमें सबसे ज्यादा 423 आवेदक धारचूला विकासखंड लोग शामिल हैं।हिमायल की खूबसूरती को करीब से निहारने के लिए देश भर से पर्यटक उत्तराखंड पहुंचते हैं। सड़कों की पहुंच से इस बार अक्टूबर से मध्य नवंबर तक आदि कैलास और ओम पर्वत तक बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने की संभावना है।यदि अक्टूबर में मौसम अधिक खराब न हुआ तो अक्टूबर माह में बड़ी तादाद में पर्यटक आदि कैलास, ओम पर्वत का दीदार करने पहुंच सकते हैं। मौसम के करवट बदलने के बाद भी गुंजी, छियालेख तक पर्यटकों के पहुंचने के आसार हैं। उच्च हिमालय में अब ट्रैकिंग का सबसे अच्छा समय आ रहा है। सितंबर से लेकर अक्टूबर तक का समय ट्रैकिंग की दृष्टि से सबसे अच्छा माना जाता है। इस दौरान उच्च हिमालय का सौंदर्य भी बढ़ जाता है। छियालेख में तो हरे भरे बुग्यालों के बीच फूलों की घाटी सभी को आकर्षित करती है। आदि कैलास और ओम पर्वत के पास नावीढांग तक मार्ग और मार्ग में होमस्टे बनने से प्रवास की अब दिक्कतें समाप्त हो चुकी हैं। वहीं इनर लाइन के लिए प्रशासन ने सिंगल खिड़की की व्यवस्था की है। साढ़े दस हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित गुंजी में तो कई परिवार शीतकालीन प्रवास में धारचूला नहीं आकर गांव में ही रहने लगे हैं। ग्रामीणों के इस कदम से गुंजी तक शीतकालीन पर्यटन की संभावनाएं बढ़ रही हैं। जिला प्रशासन ने भी इस दिशा में पहल की है। स्थानीय ग्रामीण भी शीतकालीन पर्यटन के लिए तैयार हैं।गुंजी गांव में भी होमस्टे तैयार हो चुके हैं। वहीं इस मार्ग पर प्रवास के लिए कुमाऊं मंडल विकास निगम के आवास गृह और हट्स हैं। निगम कैलास मानसरोवर यात्रा और आदि कैलास यात्रा में इनका उपयोग करता है। शीतकाल में पर्यटक उच्च हिमालय तक पहुंचते हैं तो निगम को भी इसका लाभ मिलेगा। शीतकालीन पर्यटन के लिए मौसम सबसे बड़ा कारक है। कभी कभार इस क्षेत्र में मध्य अक्टूबर से ही हिमपात होने लगता है। वैसे भी अक्टूबर अंत तक आदि कैलास और नावीढांग में हिमपात होना प्रारंभ हो जाता है।मौसम कैसा भी रहे परंतु मध्य अक्टूबर तक उच्च हिमालय के पर्यटकों से गुलजार होने के आसार हैं। यही वह समय भी होता है जब उच्च हिमालयी गांवों के ग्रामीण शीतकालीन प्रवास के लिए धारचूला रवाना होते हैं। केएमवीएन के प्रबंधक ने बताया कि उच्च हिमालय साहसिक पर्यटन के लिए जाना जाता है। आदि कैलास और ओम पर्वत दो धार्मिक आस्था के केंद्र हैं। अधिकांश पर्यटक इन स्थलों तक जाता है।केएमवीएन के पास इस मार्ग में पड़ावों सहित आदि कैलास और नावीढांग में आवासीय सुविधा है। निगम विगत कई दशकों से कैलास मानसरोवर यात्रा का संचालन करता आया है। निगम इसमें सक्षम है। राज्य सरकार ने पहाड़ी जिलों से लगातार हो रहे पलायन को रोकने के लिए होम स्टे योजना शुरू की थी। इसके सार्थक परिणाम मिल रहे हैं। सीमांत के लोग होम स्टे योजना से जुड़कर अपने घरों में देश-विदेश के पर्यटकों के लिए ग्रामीण परिवेश में किफायती दरों पर आवास सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। इसके साथ ही उन्हें स्थानीय व्यंजनों, अपनी सभ्यता, संस्कृति से भी जोड़ रहे हैं जिसको पर्यटक काफी पसंद कर रहे हैं।
लेखक वर्तमान में दून विश्वविद्यालय कार्यरतहैं।