राष्ट्रगौरव डाॅ मुरली मनोहर जोशी के 89वे जन्मोत्सव पर बधाई देने वालों का लगा तांदा

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राष्ट्रगौरव डाॅ मुरली मनोहर जोशी के 89वे जन्मोत्सव पर बधाई देने वालों का लगा तांदा
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सी एम पपनैं

नई दिल्ली। भारतीय संस्कृति, शिक्षा, विज्ञान समाज और राजनीति के अप्रतिम हस्ताक्षर, असंख्य विद्यार्थियों के प्रेरणाश्रोत, शीर्ष वैज्ञानिक, शिक्षाविद, चिंतक भाजपा के मार्गदर्शक और पूर्व केन्द्रीय शिक्षा, विज्ञान एव प्रोद्योगिकी मंत्री, राष्ट्र गौरव, पद्मविभूषण डाॅ मुरली मनोहर जोशी के 89वे जन्मोत्सव पर 5 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा फोन व ट्वीट कर जन्मदिन की बधाई दी गई। डाॅ जोशी के स्वस्थ और दीर्घायु की कामना की गई। ट्वीट कर व्यक्त किया गया, ‘एक विद्वान और प्रतिष्ठित राजनेता, सेवा, शिक्षा और भारतीय संस्कृति के संरक्षण के प्रति डाॅ जोशी जुनून अनुकरणीय है। भाजपा को मजबूत करने मे डाॅ जोशी की अहम भूमिका रही है। मैं उनके लम्बे और स्वस्थ जीवन की प्रार्थना करता हूं।’

डाॅ मुरली मनोहर जोशी के 89वे जन्मोत्सव पर बधाई प्रेषित करने वाले अन्य प्रमुख लोगों मे उत्तरप्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री क्रमश: योगी आदित्यनाथ व पुष्कर धामी सहित देश के भाजपा तथा विभिन्न दलों के शीर्ष राजनेताओ, वर्तमान व पूर्व सांसदो, विधायको, देश के शीर्ष पत्रकारों, शिक्षकों, साहित्यकारो, विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक संस्थाओ के पदाधिकारियों इत्यादि इत्यादि द्वारा बडी संख्या में जन्मदिन की बधाई दी गई।

देश के सम्मानित प्रतिष्ठित नेता, विराट व्यक्तित्व के धनी डाॅ मुरली मनोहर जोशी के नई दिल्ली स्थित 6 रायसीना रोड, निवास स्थल पर
राष्ट्रोक्ति, हिम उत्तरायणी पत्रिका, भारत संस्कृत परिषद तथा पर्वतीय लोक विकास समिति के द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सार्वजनिक अभिनंदन समारोह में प्रात:काल से ही जन्मदिन की बधाई देने वालों का तांदा लगना शुरू हो गया था। समाज के विभिन्न प्रबुद्ध वर्ग के लोगों, सांसदो, विधायको व अन्य दलों के राजनीतिज्ञों, शिक्षकों, केन्द्र व राज्य सरकारों से जुडे नौकरशाहों, संस्कृतिकर्मियों, देश की विभिन्न संस्थाओ व संस्थानों से जुडे पदाधिकारियों द्वारा पुष्प गुच्छ, फूल मालाऐ, शाल व विभिन्न प्रकार के उपहार डाॅ जोशी को सप्रेम भैंट कर उनके स्वस्थ जीवन व दीर्घायु की कामना की गई।

उत्तराखंड प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, सांसद अल्मोड़ा अजय टम्टा, सांसद टिहरी माला राज्य लक्ष्मी शाह, राज्य सभा सांसद नरेश बंसल, भाजपा राष्ट्रीय महामंत्री महिला मोर्चा दिप्ती रावत, उत्तराखंड के अनेको वर्तमान व पूर्व विधायको व सांसदो, दायित्व धारी मंत्रियों, विश्व ब्राह्मण फैडरेशन अध्यक्ष व राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त सांस्कृतिक संस्था पर्वतीय कला केन्द्र मुख्य सलाहकार के सी पांडे, वरिष्ठ पत्रकार वेद प्रताप वैदिक, जितेन्द्र बजाज, सुनील नेगी, उद्यमी गोपाल उप्रेती इत्यादि इत्यादि सेंकडो प्रबुद्ध जनो द्वारा डाॅ जोशी के निवास पर जाकर जन्मदिन की बधाई दी गई, दीर्घायु की कामना की गई।

आयोजित जन्मोत्सव कार्यक्रम मे कश्मीर से कन्याकुमारी तक के हर वर्ग व समाज के लोगों की उपस्थिति डाॅ जोशी के राजनैतिक, बौद्धिक व जनसरोकारो के साथ-साथ पार्टी संगठन के लिए बडे स्तर पर किए गए कार्यो व जन के मध्य डाॅ जोशी की बौद्धिक व राजनैतिक फलक पर स्वीकार्यता की पुष्टि करती नजर आ रही थी।

डाॅ जोशी के साथ रहे अनेको प्रबुद्धजनो के साथ-साथ सांसदो, विधायको, शिक्षाविदो, पत्रकारों के साथ-साथ आयोजक राष्ट्रोक्ति, हिम उत्तरायणी पत्रिका एव भारत संस्कृत परिषद तथा पर्वतीय लोक विकास समिति अध्यक्ष वीरेन्द्र दत्त सेमवाल, अध्यक्ष अभिनंदन समिति उदय शर्मा तथा समारोह संयोजक सूर्य प्रकाश सेमवाल द्वारा बडी संख्या में उपस्थित प्रबुद्धजनो को डाॅ जोशी के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए व्यक्त किया गया, असंख्य कार्यकर्ताओ के प्रेरणाश्रोत, लोकप्रिय राजनेता, भाजपा परिवार के वरिष्ठ सदस्य रहे डाॅ जोशी का संगठनात्मक कौशल प्रेरणाश्रोत रहा है। वैज्ञानिक होने के साथ-साथ प्रख्यात विद्वान और कुशल राजनेता व वक्ता होने व अनेको विज्ञान पर आधारित अंतरराष्ट्रीय सेमिनारो मे भाग लेकर जो छाप देश-विदेश मे डाॅ जोशी द्वारा छोडी गई है, प्रेरणाश्रोत रही है।

वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया, डाॅ जोशी की सबसे बडी सम्पत्ति उनका जमीन से जुड़ा रहना व साफ-सुधरी छवि व आदर्श जीवन में बदलाव न होना रहा। पांच दशक से अधिक के राजनैतिक जीवन में इलाहाबाद विश्वविद्यालय मे अपनी शैक्षणिक गतिविधियों को जारी रखा। डाॅ जोशी आधुनिक, मजबूत और विविधतापूर्ण भारत के प्रशंसक रहे हैं। स्वदेशी के लिए प्रतिबद्धता, आर्थिक मामलों पर उनकी पकड़ और विश्व व्यापार संगठन मे भारत के पेटैंट रेजीम पर नए नजरिऐ के लिए डाॅ जोशी ने काफी कार्य किया है। अपना शोधपत्र हिंदी भाषा मे प्रस्तुत किया जो भौतिकी से सम्बंधित था, प्रेरणाश्रोत रहा है।

वक्ताओ द्वारा व्यक्त किया गया, डाॅ जोशी हिंदी, उर्दू, बांग्ला, पंजाबी, मराठी, कुमांउनी और गुजराती बोली-भाषाओं के ज्ञाता रहे हैं। भारत की वैज्ञानिक, तकनीकी आत्मनिर्भरता की बात डाॅ मुरली मनोहर जोशी द्वारा समय-समय पर की जाती रही है। स्वदेशी अर्थव्यवस्था व भारतीय कृषि परंपरा के डाॅ जोशी समर्थक रहे हैं।

मानव संसाधन विकास मंत्री के पद पर रह कर जन के हितार्थ डाॅ जोशी द्वारा कई चीजो को बदला गया। हर कन्या को स्नातक तक मुफ्त शिक्षा, सर्व शिक्षा अभियान, संस्कृत शिक्षा, मदरसों को आधुनिक और कम्प्युटर से लैस बनाना, उर्दू में शिक्षा को बढावा देना, स्कालरशिप मे इजाफ़ा, कई पुरुष्कार शुरू किऐ। राजकीय स्तर के इंजीनियरिंग कालेजो को अपग्रेड करते हुए एनआईटी मे तब्दील कर दाखिलो की संख्या बढाई। भारतीय प्रबंधन संस्थानों में गरीब बच्चों की पढाई के लिए संस्थानों का शुल्क कम करने का काम किया। साक्षरता दर बढाने के लिए कार्य किया। महिलाओ, अल्पसंख्यको और कमजोर वर्गों को फ़ायदा दिलवाने के लिए कई बदलाव किए। संस्कृति के संवर्धन व संरक्षण में योगदान दिया। भारत के पुनरुत्थान के पुरोधाओ मे इसीलिए एक बड़ा नाम डाॅ जोशी जी का है।

आयोजन के इस अवसर पर डाॅ जोशी की पत्नी तरला जोशी, दोनों पुत्रीयां प्रियम्वदा जोशी व निवेदिता जोशी भी उपस्थित रही।

जन्मोत्सव के अवसर पर बडी संख्या मे अपनी कोठी के बडे लाॅन मे उपस्थित प्रबुद्ध जनो का आभार व्यक्त कर व आशीर्वाद देकर डाॅ मुरली मनोहर जोशी द्वारा व्यक्त किया गया, कश्मीर से कन्याकुमारी तक के लोग उपस्थित हैं, अच्छा लगा। सबका धन्यवाद। कोरोना महामारी से व्यवधान हुआ था। मिलना-जुलना बंद हो गया था। आज आसानी से मिलने का समय आ गया है, आगे बढैगे। आज मौसम की जटिलता से कई लोग नहीं आ पाऐ हैं, सबको हार्दिक बधाई। सबका हार्दिक अभिनंदन करता हूं। आगे आने वाले वर्षो मे न सिर्फ उत्तराखंड बल्कि देश के लिए कुछ क्रियात्मक कर सकैगे।

डाॅ जोशी द्वारा व्यक्त किया गया, उत्तराखंड की प्रकृति ने अंचल को कुछ कष्ट दिए हैं। जो लोग संगठन व शासन में हैं पूर्ण एकांत होकर ध्यान देंगे। उत्तराखंड को धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टि से जाना जाता है। तिब्बत भी हमसे जुड़ा रहा है। अल्मोड़ा में जो हमारा घर था, वहा से लोग तीर्थयात्रा व व्यापार के लिए आते जाते रहते थे। सभी अपने लोग थे। उत्तराखंड की सांस्कृतिक विमर्श मे शामिल होने वहा बडी संख्या में लोग आए थे। चर्चा हुई थी। यह पृथ्वी का मानदंड है, यह बना रहे। उत्तराखंड विशेष रूप मे बना रहना चाहिए विचार व सोच दुनिया के सामने जाना चाहिए।

डाॅ जोशी द्वारा व्यक्त किया गया भूमि हिल रही है, विभिन्न विपदाऐ आ रही हैं। जगह- जगह आंदोलन हो रहे हैं। गंभीरता से विचार करने का समय है। जलवायु कमजोर व बदलाव क्यों हो रहा है? विचार करना जरूरी है। भयानक दुनिया सामने आ रही है। दिल्ली ही नहीं सब जगह हिंसा बढ़ रही है। हिंसक समाज बन गया है। संवेदना कही नहीं है। इस देश मे ऐसा सोचा नहीं जा सकता था। बच्चा शिक्षिका को मार रहा है। माता-पिता को मार रहा है। सामाजिक परिवर्तन क्यों हो रहा है? मनुष्य अंतरिक्ष में जा रहा है। धरती को बर्बाद कर रहे हैं। ऐसा न हो, धरती को स्वर्ग बनाए।

डाॅ जोशी द्वारा गम्भीरता पूर्वक व्यक्त किया गया, यह एक मात्र ग्रह है जहा लोग पाए जाते हैं। जहा जीवन है। ऐसे ग्रह मे जाकर क्या फ़ायदा जहा अभी संशय है। पृथ्वी नष्ट हो रही है। पृथ्वी का सौंदर्य नष्ट हो रहा है। ऐसा तोड़ मरोड़ दिया है, विचारणीय बाते हैं। हमने जो समाज देखा था, आज घटिया समाज देख रहे हैं। अच्छा हिंदुस्तान बनायैगे सोची थी। आज के नौवजवान आगे आऐ, दुनिया को बेहतर बनाऐ। भारत दुनिया को नष्ट नहीं होने देगा, संस्कृति को नष्ट नहीं होने देगा। पूरी दुनिया को जागृत करे। अपने संबोधन के अंत में डाॅ जोशी द्वारा व्यक्त किया गया, जो भी जीवन बचेगा देश दुनिया व मानव समाज को प्रेरित करते रहैंगे, प्रभु उसे और प्रेरित करते रहैंगे।

डाॅ जोशी के जन्मोत्सव की खुशी के अवसर पर उत्तराखंड के ढोल, दमाउ, रणशिंग, मशकबीन व हुड़का वादको द्वारा आयोजन को सशक्त व खुशनुमा रंग-रूप दिया गया। आयोजकों द्वारा दिन के भोज मे आगन्तुको को उत्तराखंड पर्वतीय अंचल की स्वादिष्ट व मशहूर पहाडी दाल, रायता, कोंणी भात, मडूवा रोटी, आलू गुटका, भांग चटनी, पहाडी नमक तथा मीठे पकवान मे कोंणी खीर परोसी गई। आयोजित कार्यक्रम का मंच संचालन सूर्य प्रकाश सेमवाल द्वारा बखूबी किया गया।
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