सुरेंद्र डसीला ने निभाई मंजुल के परिजनों की मदद में अहम भूमिका

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सुरेंद्र डसीला ने निभाई मंजुल के परिजनों की मदद में अहम भूमिका

दुख में साझीदार बने पत्रकार साथी, मंजुल के परिजनों के लिए दो दिन में जुटाए 1लाख 69 हजार

दिवंगत पत्रकार गिरीश भंडारी और गौरव शर्मा के परिजनों को भी आर्थिक सहायता की उम्मीद जगी

गुणानंद जखमोला

देहरादून – पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, लेकिन जब इस स्तंभ को मजबूती देने वाले पत्रकार खुद असुरक्षित महसूस करने लगें, तो यह चिंता का विषय बन जाता है। ऐसे में उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार सुरेंद्र डसीला ने एक पहल की है दिवंगत मंजुल माजिला के परिजनों की मदद के लिए। सुरेंद्र ने सत्ता के गलियारे तक उन पत्रकारों की आवाज पहुंचाई जो अपने अधिकारों और सामाजिक सुरक्षा की लड़ाई नहीं लड़ सके।
यह सुरेंद्र डसीला की कॉल थी कि कैमरामैन मंजुल मांजिला के निधन के बाद खेल विभाग ने उनके परिजनों को फौरी आर्थिक सहायता दी, लेकिन यह राशि कितनी है, इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल पाई। सूचना विभाग से भी आर्थिक सहायता राशि मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रेस क्लब द्वारा भी आर्थिक सहायता अभियान चलाया जा रहा है। लेकिन, यदि सुरेंद्र डसीला ने सचिवालय पर धरना देने की चेतावनी न दी होती, तो शायद यह सहायता इतनी जल्दी मंजुल के परिवार तक नहीं पहुंच पाती।
सूत्रों के अनुसार, मंजुल मांजिला का सहारा मीडिया पर लगभग 25 लाख रुपये बकाया था, लेकिन संस्थान ने उसका कोई हिसाब नहीं दिया। आर्थिक तंगी और असहाय स्थिति में जीने के लिए मजबूर मंजुल आखिरकार दुनिया छोड़ गया। ा।
अब यही मांग पत्रकार गिरीश भंडारी और कैमरामैन गौरव शर्मा के लिए भी उठने लगी है, जिनका कुछ माह पहले निधन हो गया था। उनके परिवार भी आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। उम्मीद की जा सकती है कि सुरेंद्र डसीला इन परिवारों के लिए भी सरकार से आर्थिक सहायता दिलाने में अहम भूमिका निभाएंगे।