मेष लग्न में वैदिक विधि विधान के साथ खुले बाबा केदारनाथ धाम के कपाट

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रूद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम के कपाट सोमवार की सुबह पांच बजे मेष लग्न में विधि विधान से खोल दिए गए। इस दौरान मंदिर परिसर में तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज और हकहककूधारियों की उपस्थित रही। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए घरों में ही रह कर पूजा अर्चना करने की अपील की है। इस मौके पर भगवान केदारनाथ के धाम को भव्य और दिव्य तरीके से 11 क्विंटल फूलों से सजाया गया था। केदारनाथ के रावल भीमाशंकर लिंग एवं जिलाधिकारी मनुज गोयल भी केदारनाथ धाम में इस मौके पर मौजूद थे। सोमवार तड़के 3.30 बजे से केदारनाथ धाम के प्रधान पुजारी बागेश लिंग व विद्वान आचार्यों द्वारा केदार पुरी में पंचाग पूजन के तहत भगवान केदारनाथ सहित अनेक देवी- देवताओं का आह्वान किया गया। ठीक पांच बजे रावल भीमाशंकर लिंग द्वारा जिला, तहसील प्रशासन व देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारियों तथा तीर्थ पुरोहित की मौजूदगी में कपाट खोलने की घोषणा के साथ ही विश्व कल्याण व क्षेत्र की खुशहाली की कामना की गई। रावल भीमाशंकर लिंग की कामना के बाद भगवान केदारनाथ के कपाट पौराणिक परम्पराओं व विधि-विधान से खोले गए। कपाट खुलते समय केदार पुरी जय भोले, जय केदार के उद्घोषों से गुंजायमान हो उठी। कपाट खुलने के बाद भक्तों ने बाबा केदार के स्वयंभू लिंग के दर्शन कर विश्व कल्याण की कामना की। कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष भी केदारनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के बिना ही खुले। कोरोना संक्रमण के कारण सरकार ने चारधाम यात्रा स्थगित की है। मंदिर में सिर्फ रावल, तीर्थ पुरोहित, पंडा समाज व हकहककूधारियों को पूजा अर्चना की अनुमति है।