अवादा फाउंडेशन द्वारा की जा रही है उत्तराखंड के देहरादून और ऋषिकेश के दिहाड़ी मज़दूर और ज़रूरतमंद लोगों की मदद’

0
254

अवादा फाउंडेशन द्वारा उत्तराखंड में देहरादून और ऋषिकेश क्षेत्र के ग्रामीण क्षेत्रों में खाद्य पदार्थो व राशन का वितरण

 

‘अवादा फाउंडेशन द्वारा की जा रही है उत्तराखंड के देहरादून और ऋषिकेश के दिहाड़ी मज़दूर और ज़रूरतमंद लोगों की मदद’

रुड़की, 28 मई 2021 :- भारत में पैर पसार रहा मानवीय संकट बेहद पीड़ादायक है। इस कठिन समय में जब भारत इस भयावह कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है, हमारे समाज का आर्थिक रूप से पिछड़ा हुआ वर्ग जैसे दिहाड़ी मज़दूर, प्रवासी मज़दूर एक बेहद चुनौतीपूर्ण समय का सामना कर रहा हैं।

इस चुनौतीपूर्ण समय में अवादा फाउंडेशन – अवादा ग्रुप ऑफ़ कंपनीज का परोपकारी अंग – अथक प्रयास कर रहा है दिहाड़ी मजदूर एवं निम्न आय वर्ग के समाजों को खाने के पैकेट और राशन पहुँचाने में। वर्तमान में विकराल रूप ले चुकी इस कोरोनावायरस महामारी के कारण लाखों निम्न और मध्यम वर्गीय लोगों पर जो खाद्य अनिश्चितता का घना संकट आ पड़ा है, उसे देखते हुए अवादा फाउंडेशन ने आज अपने सहायता प्रयासों में एक ठोस विस्तार करने की घोषणा की है।

अवादा फाउंडेशन उत्तराखंड के देहरादून और ऋषिकेश के ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन के पैकेट वितरित कर रहा है। बढ़ती भुखमरी को देखते हुए, अवादा फॉउंडशन एक मानवीय रुख अपनाते हुए अपने द्वारा वितरित खाने के पैकेट की संख्या और अपनी पहुँच में एक ठोस विस्तार कर रहा है। फिलहाल में, संगठन मुंबई, अमरावती, खामगाँव, बुलढाणा, सतारा, और महाराष्ट्र के सोलापुर जिलों, गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले, उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले और राजस्थान के बीकानेर जिले में विभिन्न स्थानों पर खाने के पैकेट का वितरण किया जा रहा है।

इस अवसर पर, अवादा ग्रुप के चेयरमैन श्री विनीत मित्तल ने कहा की, “जब तक भारत में सब लोगों का टीकाकरण नहीं हो जाता, तब तक भोजन ही सबसे उत्तम दवाई है। खाने जैसी अत्यावश्यक चीज़ों की कमी के कारण आम जनता की एक बड़ी जनसँख्या में बड़े पैमाने पर पलायन में बढ़ोतरी और कुपोषण में इज़ाफ़ा होने की संभावना है। मेरा ऐसा मानना है की हम सभी हमारे देश के ऋणी हैं और ये राष्ट्र ऋण हर व्यक्ति को अपने जीवनकाल में चुकाने का प्रयास करना चाहिए। प्रेम, समृद्धि और विकास का जो महान ऋण हम पर उत्तराखंड का है, वो हमें चुकाना चाहिए। मैं उम्मीद करता हूँ की हमारे इन प्रयासों से स्थिति में सुधार आएगा।”

खाने के पैकेट वितरित करने की पहल के अतिरिक्त, अवादा फाउंडेशन ने राजस्थान और महाराष्ट्र में अलग-अलग जगह पर 300 बेड के 4 अस्पताल और 2 ऑक्सीजन प्लांट बनवाने, और वेंटीलेटर, ऑक्सीजन सिलिंडर, और ऑक्सीजन कन्सेंट्रेटर उपलब्ध कराने की पहल भी की है। इसके अतिरिक्त अवादा फाउंडेशन गुजरात के सुंदरनगर ज़िले के तालसना गांव में वहाँ के प्राथमिक चिकित्सा केंद्र की मदद कर रहा है ‘कोविड केयर सेंटर’ स्थापित करने में। हम मौजूदा स्वास्थ्य केंद्र का जीर्णोद्धार कर उसे आईसीयू वार्ड बना रहे हैं, सभी आधुनिक सुविधाएं जैसे आईसीयू बेड, सलाइन स्टैंड, दवाई का ट्रे आदि के साथ।