कोरोना से हुई मौत पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा दे सरकार – सुरेन्द्र सिंह नेगी
कोटद्वार मेडिकल कॉलेज की भूमि बनी खननकारियों का अड्डा
विगत चार साल में नहीं हुआ कोई विकास कार्य फिर भी क्षेत्रीय विधायक कोटद्वार के आमजन को कर रहे हैं भ्रमित
कोटद्वार। कोरोना कोविड-19 के कारण हुई मौत पर सरकार का मुआवजा देना चाहिए। यह बात पूर्व मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी ने एक पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि, राज्य और केन्द्र सरकार ने कोरोना को महामारी घोषित किया है तथा महामारी भी आपदा की श्रेणी में ही आती है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि, जब आपदा में मुआवजा देने का प्राविधान है तो कोरोना महामारी से हुई मौतों पर पीड़ित परिवारों को मुआवजा क्यों नहीं दिया जा रहा है ? जबकि महामारी भी आपदा में ही परिभाषित है। उन्होंने राज्य और केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, कोरोना की दूसरी लहर में हुई मौतो के लिए राज्य और केन्द्र सरकार की लापरवाही जिम्मेदार है। उन्होने कहा कि, देश के वैज्ञानिकों तथा मेडिकल फील्ड से जुड़े जानकारों ने पहले ही कोरोना की दूसरी लहर की चेतावनी जारी कर दी थी, इसके बावजूद भी सरकार ने कोई तैयारियां नहीं की। उन्होंने कहा कि, ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतें बहुत ही दुःखदायी थी,यदि समय रहते तैयारियां की गयी होती तो कई जिन्दगीयों बचाया जा सकता था। उन्होंने कहा कि, वर्ष 2013-14 में उनके स्वास्थ्य मंत्री रहते हुए राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए विश्व बैंक से 950 करोड़ रूपये स्वीकृत कराये थे परन्तु वर्ष 2014 में केन्द्र में भाजपा सरकार आने के कारण केन्द्र सरकार ने उस फण्ड पर रोक लगा दी गयी। उन्होंने चुटकी लेते कहा कि, वर्तमान में जबकि डबल इंजन की सरकार चल रही है तो 950 करोड़ कहां चले गये। इन 950 करोड रूपये़ से राज्य में चरमराती स्वास्थ्य व्यवस्थाओं सुदृढ़ किया जा सकता था। कोटद्वार मेडिकल कॉलेज के सम्बन्ध उन्होंने कहा कि, उनके कार्यकाल में कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज के लिए प्राथमिक धनराशि तथा 192 बीघा भूमि उपलब्ध करायी गयी थी परन्तु वर्तमान राज्य सरकार ने उक्त भूमि को श्रम विभाग को हस्तांतरित कर दिया। जबकि अब तक देश के इतिहास में श्रम विभाग ने कभी भी कहीं कोई भी मेडिकल कॉलेज नहीं बनाया। जब इस पर सवाल उठने लगे तो 192 बीघा में से लगभग 120 बीघा भूमि मेडिकल शिक्षा को वापस कर दी गयी बाकि भूमि का क्या हुआ यह जांच का विषय है। वर्तमान में यह भूमि खननकारियों का अड्डा बन चुकी है। कोटद्वार बेस अस्पताल डॉक्टरों तथा मेडिकल स्टाफ की भारी कमी से जूझ रहा है। विगत चार साल में कोटद्वार में कोई भी विकास कार्य नहीं हुए फिर भी क्षेत्रीय विधायक कोटद्वार के आमजन को भ्रमित करने पर लगे हुए हैं। वेक्सीनेशन में उत्तराखण्ड लगातार पिछड़ता जा रहा है। अब जबकि देश के वैज्ञानिक कोरोना की तीसरी लहर आने की बात कह रहे हैं तो इससे पूर्व स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को चाक-चौबन्ध किये जाने की आवश्यकता है।इस अवसर पर कोटद्वार मेयर हेमलता नेगी, कांग्रेस नगर अध्यक्ष संजय मित्तल, आदि कांग्रेसीजन उपस्थित थे।