राजस्थान में फोन टैपिंग का सियासी जिन्न फिर आया बाहर
चूरू. राजस्थान प्रदेश की राजनीति में फोन टैपिंग मामले (Phone Tapping Case) का सियासी जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर निकल आया है. केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी के बीच ट्वीट वार के बाद अब भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) व विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने सरकार पर निशाना साधा है.
चूरू जिला मुख्यालय स्थित विधायक आवास पर भाजपा कार्यकर्ताओं की अनौपचारिक मीटिंग हुई. बैठक के बाद दोनों नेताओं ने पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों के जवाब में फोन टेपिंग मामले में सत्तारूढ़ दल के मुखिया को कटघरे में खड़ा कर दिया. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने जासूसी और फोन टेपिंग को कांग्रेस के पुराने हथियार बताया. उन्होंने कहा कि यह कांग्रेस के कामकाज का नजरिया है.
जासूसी व फोन टेपिंग कांग्रेस के हथियार
वहीं विधानसभा उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड ने मुख्यमंत्री का नाम लिए बगैर सत्तारूढ़ दल के मुखिया पर फोन टेपिंग का आरोप लगाया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पूनिया ने कहा है कि जासूसी व फोन टैपिंग कांग्रेस के पुराने हथियार रहे हैं. अब इन आरोपों से बचने के लिए कांग्रेस पार्टी और उसके नेता झूठ बोल रहे हैं. उन्होने कहा कि यदि उनमें थोड़ा बहुत भी ईमान होता तो मामले की निष्पक्ष तरीके से जांच कराते. उन्होने कहा कि कांग्रेस पार्टी के अपने विधायक इस बात को अब सीधे तौर पर मुखर तरीके से उठा रहे हैं कि उनके फोन टेप कर जासूसी होती है. पूनिया ने फोन टेपिंग के लिये कांग्रेस के अंतर्कलह को इसके लिये जिम्मेदार ठहराया.
सरकार फोन टेपिंग के घेरे में पहले से ही
राठौड़ ने कहा है कि अब तो सत्तारूढ़ दल के विधायक खुद यह कह रहे हैं उनके टेलीफोन टेप हो रहे हैं. सरकार फोन टैपिंग के संदेह के घेरे में पहले से ही थी. जब पिछली बार सरकार की कुर्सी डगमगाई थी तब मुख्यमंत्री के निवास पर मंत्री और विधायक के बीच वार्ता का ओएसडी ने फोन टेप जारी किया. उन्हों ने कहा कि इससे सिद्ध होता है, कहीं ना कहीं किसी न किसी स्तर पर फोन टेप होते थे. जब शक की सूई घूमनी चालू होती है तो आखिर सत्तारूढ़ दल की तरफ अपने आप सूई घूम जाती है, क्योंकि उन्हीं के खुद के विधायक कह रहे हैं कि फोन टेप हो रहे हैं.