ओलंपिक खिलाड़ियों को क्या पुरस्कार राशि पर देना होगा टैक्स
नीरज चोपड़ा ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रच दिया और उनके लिए प्रशंसा और पुरस्कारों की बारिश हो रही है। सिल्वर और कांस्य के अन्य विजेताओं को भी पीठ थपथपाकर और पैसे देकर सम्मानित किया गया। अब ये खिलाड़ी पूरी तरह से अमीर हो गए हैं, आप और मेरे जैसे लोग इन खिलाड़ियों को दी जाने वाली इनामी राशि को जोड़ रहे हैं। टैक्स फ्रीक होने के नाते, मैंने इन सभी खिलाड़ियों को मिलने वाले रिवॉर्ड्स की टैक्सेबिलिटी की जांच करने के बारे में सोचा।
क्या ऐसे पुरस्कार कैश या वस्तु के तौर पर टैक्स-फ्री हैं?
इनकम टैक्स एक्ट की धारा 10(17A), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) को केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जनहित में दिए गए कुछ पुरस्कारों को टैक्स फ्री घोषित करने के लिए अधिकृत करती है। यह प्रावधान 01-04-89 से कानून की किताब में है, सीबीडीटी ने 28-01-2014 को ओलंपिक खेलों, कॉमन वेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स में किसी भी पदक विजेताओं को इनाम के तौर पर प्राप्त कैश या वस्तु को टैक्स फ्री करने का आदेश पारित किया।
इनकम टैक्स की धारा 10 (17A) के तहत केवल केंद्र सरकार और राज्य सरकारों द्वारा खिलाड़ियों के दिए गए पुरस्कारों पर टैक्स छूट दी जाती है। स्थानीय प्राधिकरण, खेल प्राधिकरण या एक औद्योगिक घराने आदि जैसे अन्य प्राधिकरणों द्वारा घोषित पुरस्कार टैक्स फ्री नहीं है। इसलिए नीरज चोपड़ा के लिए आनंद महिंद्रा द्वारा घोषित एसयूवी जैसे पुरस्कार टैक्स-फ्री नहीं है और उन्हें अपनी जेब से 30% टैक्स देना होगा जब तक कि महिंद्रा एसयूवी का मूल्य पर टैक्स के संबंध में भी पर्याप्त उदार नहीं होंगे।
दिलचस्प बात यह है कि किसी भी राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक पदक विजेता को दी जाने वाली इनामी राशि पर छूट है न कि केवल उस राज्य सरकार की ओर से जहां से पदक विजेता आता है। इसलिए, नीरज चोपड़ा को न केवल हरियाणा सरकार द्वारा घोषित 6 करोड़ रुपए की इनामी राशि, बल्कि पंजाब सरकार द्वारा घोषित 2 करोड़ और मणिपुर सरकार द्वारा 1 करोड़ का इनाम पर भी पूरी तरह से छूट होगी।
किसके लिए यह छूट है और किसके लिए यह टैक्स योग्य है
CBDT के आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि केवल पदक विजेता को इनामी राशि पर छूट है। इसलिए हरियाणा सरकार द्वारा घोषित हरियाणा की भारतीय महिला हॉकी टीम की 9 खिलाड़ियों को 50 लाख रुपए का पुरस्कार टैक्स फ्री नहीं होगा क्योंकि वे किसी भी पदक के विजेता नहीं हैं। इसी तरह, इन खिलाड़ियों के कोच को मिलने वाली इनामी राशि, यहां तक कि किसी सरकार द्वारा घोषित इनाम राशि भी टैक्स फ्री नहीं होगी।
टैक्स की दरें और स्रोत पर टैक्स की कटौती
पुरस्कार राशि जो ऊपर बताए नियम अनुसार जिन्हें टैक्स छूट नहीं है। उन्हें 30% की समान दर से टैक्स का भुगतान करना होगा। कैश में पुरस्कार राशि का भुगतान करने वाले को स्रोत पर 30% टैक्स कटौती करना आवश्यक है। वस्तु के रूप में पुरस्कार के मामले में या तो खिलाड़ी को वस्तु के रूप में पुरस्कार देने वाले व्यक्ति को टीडीएस राशि का भुगतान करना होगा। वैकल्पिक रूप से, वस्तु के रूप में पुरस्कार देने वाला इतनी पुरस्कार राशि दे सकता है ताकि खिलाड़ी को अपनी जेब से टैक्स न चुकाना पड़े।