अगले 5 साल में भारत कैसे बनेगा इलेक्‍ट्रॉनिक गाड़‍ियों का हब

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अगले 5 साल में भारत कैसे बनेगा इलेक्‍ट्रॉनिक गाड़‍ियों का हब

देश में इस समय ई-व्‍हीकल्‍स यानी इलेक्‍ट्रॉनिक वाहनों का क्रेज बढ़ता जा रहा है. पेट्रोल की बढ़ती कीमतों के अलावा इन व्‍हीकल्‍स को मेनटेन करना थोड़ा आसान होता है. इसलिए अब सरकार भी इसे बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. मॉनसून सत्र के दौरान भी सरकार से अगले पांच सालों में इस दिशा में तय किए गए लक्ष्यों के बारे में जानने की कोशिश की गई थी. सरकार की तरफ से बताया गया है कि उसने इलेक्ट्रिॉनिक व्‍हीकल्‍स को देश में प्रमोट करने के लिए क्‍या-क्‍या कदम उठाए हैं.

सरकार ने दी ये जानकारी

विपक्ष ने सरकार से पूछा था कि अगले 5 सालों के अंदर देश को क्‍या ई-व्‍हीकल्‍स का सेंटर बनने की संभावना है और अगर है तो सरकार के पास इसकी क्‍या तैयारी है. साथ ही सरकार से यह जानने की भी कोशिश की गई थी कि ई-व्‍हीकल्‍स के क्षेत्र में वो कौन सी चुनौतियां हैं जिनसे सरकार को जूझना पड़ रहा है. सरकार की तरफ से भारी उद्योग राज्‍य मंत्री कृष्‍ण पाल गुर्जर ने इस सवाल का जवाब दिया.

प्रोत्‍साहन राशि को बढ़ाया गया

स्‍कीम के तहत सरकार का मकसद सब्सिडी के जरिए 7090 ई-बसों, 5 लाख ई-थ्री व्‍हीलर, 55, 000 फोर व्‍हीर्ल्‍स पैसेंजस कारों और 10 लाख टूव्‍हीलर्स के लिए मदद मुहैया कराई जाएगी. इसके लावा चार्जिंग स्‍टेशनों के निर्माण में भी सरकार की तरफ से सहायता दी जाएगी. केंद्रीय मंत्री ने इसके साथ ही यह जानकारी भी कि हाल ही में फेम II स्‍कीम के तहत लागत सीमा को 20 फीसदी से बढ़ाकर 40 फीसदी कर दिया गया है. इसके साथ ही प्रोत्‍साहन राशि को 10,000 रुपए प्रति किलोवॉट से बढ़ाकर 15,000 रुपए किलोवॉट तक कर दिया गया है. इसकी वजह से टू-व्‍हीलर ई-व्‍हीकल की लागत आईसीई टू-व्‍हीलर के बराबर हो गई है.

देश में ही बनेंगी बैटरीज

इसके साथ ही देश में बैटरी की कीमत को कम करने के लिए भारत सरकार ने 12 मई 2021 से एडवांस्‍ड केमेस्‍ट्री सेल (ACC) की मैन्‍युफैक्‍चरिंग के प्रोत्‍साहन स्‍कीम का प्रस्‍ताव दिया है. उन्‍होंने कहा कि बैटरी की कीमतों में गिरावट की वजह से ई-व्‍हीकल्‍स की लागत में कमी आएगी. सरकार की तरफ से जीएसटी को 12 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है. ई-व्‍हीकल्‍स के लिए चार्जर या चार्जिंग स्‍टेशनों पर भी जीएसटी को 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी कर दिया गया है.

इस समय में देश में कितने ई-व्‍हीकल्‍स

रोड ट्रांसपोर्ट और नेशनल हाइवे मिनिस्‍ट्री ने ऐलान किया है कि बैटरी से चलने वाली गाड़‍ियों को ग्रीन लाइसेंस प्लेंटें दी जा रही हैं. इसके बाद उन्हें परिमट की जरूरत नहीं होगी. रोड ट्रांसपोर्ट और हाइवे मंत्रालय ने अपनी नोटिफिकेशन में राज्‍यों को इलेक्ट्रिक व्‍हीकल्‍स रोड टैक्‍स न लेने की सलाह दी गई है. इससे ई-व्‍हीकल्‍स की शुरुआती लागत को कम करने में मदद मिलेगी. उन्‍होंने यह जानकारी भी दी कि साल 2019 में देश में कुल 1,61,314 ई-व्‍हीकल्‍स थे. वहीं साल 2020 में 1,19,648 ई-व्‍हीकल्‍स थे. उन्‍होंने कहा कि इस समय देश में कुल 2,80,962 ई-व्‍हीकल्‍स हैं.