श्रीनगर। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने चारधाम यात्रा पर लगी रोक हटा दी है। इसके बाद कल यानी 18 सितंबर से प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू होगी। चारधाम यात्रा के ऐलान के बाद सबसे बड़ी चुनौती चारधाम यात्रा में पड़ने वाली सड़कें हैं, जो मॉनसून सीजन में भूस्खलन के कारण लगातार बंद हो रही हैं।
आप इस बात से अनुमान लगा सकते है कि ऋषिकेश से श्रीनगर बीच 15 ऐसी जगहें हैं, जहां बरसात के दिनों में लगातार पहड़ियां दरक रही हैं, जिससे कई दिनों तक मार्ग तो बंद हो ही रहा है, पहाड़ियों से पत्थर गिरने से कई लोगों की जान तक चली गयी है।इस मॉनसून सीजन में ऋषिकेश-श्रीनगर मार्ग ने राहगीरों को खासा परेशान किया है। बारिश होते ही तोता घाटी, कौडियाला, देवप्रयाग, शिव मूर्ति, चमधार, फरासू जैसे 15 ऐसे डेंजर जोन हैं, जो बारिश होते ही दरकने लगते हैं, जिसके कारण मार्ग कई-कई दिन तक बंद हो जा रहा है। मार्ग की देखभाल करने वाली एजेंसी लोक निर्माण विभाग की मानें तो अभी सड़कें चारधाम यात्रा के लिए ठीक नहीं हैं. अभी बहुत तैयारी की आवश्यकता है। विभाग ने चारधाम यात्रा को लेकर अभी अपनी पूरी तैयारी नहीं की है। चारधाम यात्रा आधी-अधूरी तैयारियों के साथ खोली जा रही है। लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता राजीव शर्मा ने बताया कि बरसाती सीजन में विभाग को 15 लाख का फंड दिया गया था, जिससे वे मशीनों के जरिये मार्ग खोल रहे थे। अभी मार्ग को मात्र ट्रैफिक लायक बनाया गया है। यात्रा के उद्देश्य से अभी मार्ग तैयार नहीं है। चारधाम यात्रा को लेकर भी तैयारी पूरी नहीं है। तैयारी की आवश्यकता है।