नवरात्रि में मां दुर्गा को 9 दिनों तक क्यों लगाते हैं 9 अलग-अलग प्रकार के भोग….?शारदीय नवरात्रि कल 7 अक्टूबर 2021 से शुरू हो रही है. नवरात्रि के नौ दिन में मां दुर्गा (Maa Durga) के नौ अलग-अलग रूपों की विधि विधान से पूजा-अर्चना की जाती है. पूजा के दौरान इन्हें हर एक दिन अलग-अलग चीजों का भोग भी लगाते हैं. इससे मां बहुत जल्द प्रसन्न होकर भक्तों की सारी मनोकामना पूरी करती है. बीमारियों से मुक्ति दिलाती हैं और आर्थिक समस्याओं को दूर करती हैं. आइए जानें कि नौ दिनों के दौरान कौन सी देवी को किस तरह का भोग लगाने से माता रानी प्रसन्न होती हैं.
नवरात्रि के 9 अलग–अलग भोग
- नवरात्रि के पहले दिन देवी मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है. इस दिन मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी चढ़ाया जाता है. कहा जाता है कि इससे आरोग्य की प्राप्ति होती है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है.
- नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी को शक्कर का भोग लगाते हैं. इससे पारिवारिक सदस्यों की आयु बढ़ती है.
- नवरात्रि के तीसरे दिन देवी चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है. मान्यता है कि दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर ब्राह्मणों को दान कर देना चाहिए. इससे दुख दूर होते हैं और खुशी आती है.
- नवरात्रि के चौथे दिन देवी कुष्मांडा को मालपुए का भोग लगाया जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह भोग दूसरों को खिलाने से बुद्धि तेज होती है.
- नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता को केले का भोग लगाना चाहिए, और इस दिन केले का दान भी करना चाहिए.
- देवी कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए नवरात्रि के छठे दिन शहद और मीठा का भोग लगाएं. इससे धर्म, अर्थ और मोक्ष की प्राप्ति होती है.
- नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा में गुड़ और मेवे के लड्डू का भोग लगाना चाहिए. इससे मां, भूत-प्रेत से मुक्ति दिलाती है और सारे कष्ट दूर करती हैं.
- नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा में नारियल का भोग लगाना चाहिए. नारियल का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि आती है.
- नवरात्रि के आखिरी अर्थात 9 वें दिन मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाना चाहिए. कहा जाता है कि नवमी के दिन तिल का भोग लगाने से अनहोनी की आशंका खत्म होती है.