देहरादून। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने लंबे समय बाद अपना रुख स्पष्ट किया है। उन्होंने इंटरनेट मीडिया में पोस्ट कर कहा कि कांग्रेस हमेशा भराड़ीसैंण के पक्ष में खड़ी है और आगे भी खड़ी रहेगी। अवसर मिलेगा तो गैरसैंण (भराड़ीसैंण) राज्य की राजधानी होगी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इन दिनों गढ़वाल क्षेत्र के भ्रमण पर हैं। रविवार को उन्होंने गैरसैंण में विधानसभा सत्र के आयोजन को लेकर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि गैरसैंण में विधानसभा सत्र होगा या नहीं, भराड़ीसैंण विधानसभा बैठेगी या नहीं, कुछ स्पष्ट नहीं है। सरकार कभी हां, कभी न कर रही है। बहाने कुछ भी बनाए, सरकार भराड़ीसैंण में विधानसभा का सत्र नहीं करना चाहती हैं, क्योंकि सरकार को ठंड लग जाती है। ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करने के दो साल बाद भी कोई अधिकारी-कर्मचारी यहां नहीं बैठ रहा। 25 हजार करोड़ के पैकेज की घोषणा की, वह कहीं धरातल पर नहीं है। यह भाजपा का दोहरा मापदंड है।प्रदेश के सरकारी अस्पताल और मेडिकल कालेज में आउटसोर्स से तैनात संविदा कर्मियों की सेवाएं अभी बहाल रखी जाएंगी। कोरोना संक्रमण के बढऩे की आशंका को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है। प्रदेश के कई अस्पतालों में इस समय उपनल, पीआरडी और आउटसोर्स से कर्मचारियों की तैनाती की गई है। इस समय कई जगह इन कर्मचारियों को हटाने की शिकायत मिल रही थी। इन सबके बीच स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत ने कहा है कि सचिव स्वास्थ्य को निर्देश दिए गए हैं कि अस्पतालों में कोविड के समय रखे गए कर्मचारियों को नहीं हटाया जाए। उन्होंने कहा कि कोविड के समय रखे गए कर्मचारियों को मार्च, 2022 तक के लिए रखा गया है। उसके बाद कोरोना संक्रमण व तात्कालिक जरूरतों के अनुसार कर्मचारियों के संबंध में फैसला लिया जाएगा।