चकबंदी पटवारी चमनलाल ने कि पत्रकारों के साथ अभद्रता मामला पहुंचा डीएम के दरबार

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संपादक पीयूष वालिया
सह संपादक अमित मंगोलिया

देश में पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार थमने का नाम नहीं ले रहा है लगातार पत्रकारों को जान से मारने की धमकी, गाली-गलौज से लेकर जान से भी मारे जाने की आम बात हो गई है, कानून का चौथा स्तंभ कहा जाने वाला पत्रकारिता का गला कभी दबंग द्वारा तो कभी प्रशासन के अधिकारी, कर्मचारी के द्वारा घोटा जा रहा है। लगातार अप्रिय घटना पत्रकारों के साथ घटती रहती है लेकिन मोदी सरकार पत्रकारो की सुरक्षा के लिए कोई भी ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिससे पत्रकारों का उत्पीड़न रोका जा सकें। वही बहादराबाद ब्लॉक क्षेत्र के अंतर्गत गांव धनौरी स्थित चकबंदी विभाग के दफ्तर का एक मामला सामने आया है जहां चकबंदी पटवारी ने पत्रकार मौहम्मद आरिफ तथा पत्रकार नौशाद अली के साथ अभद्रता व्यवहार किया है। पत्रकार गांव जसवावाला में चल रही चकबंदी के संबंध में जानकारी लेने गए थे जानकारी ना देकर पटवारी चमन लाल अभद्रता करने पर शुरू हो गया। और कहा कि पत्रकारों को किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जाएगी। उन्होंने पत्रकार को कहा कि पत्रकार हो तो क्या हुआ तुम कहीं भी चले जाओ, जानकारी नहीं दूंगा और यह बात कहते हुए दफ्तर से फरार हो गया, दफ्तर में बैठे ग्रामीणों फरियादियों ने भी पत्रकारों से बताया कि पटवारी चमनलाल ग्राम वासियों के साथ ऐसा ही व्यवहार करता है जिससे क्षेत्र के ग्राम वासी भी पटवारी के व्यवहार से बहुत खफा हैं पत्रकारों के अभद्रता के संबंध में सीडीओ द्वारा जिलाधिकारी को लिखित पत्र देकर अवगत कराया गया। और मांग की गई है कि पत्रकारों के साथ अभद्रता करने वाले चकबंदी पटवारी चमन लाल के विरुद्ध ठोस कार्रवाई की जाए अगर पटवारी चमनलाल पर कोई कार्यवाही नहीं होती, तो पत्रकार संघ आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे, जिसके जिम्मेदार शासन प्रशासन होगा।

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