विश्‍व‍ स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की नसीहत उत्‍तराखंड के पर्यटन कारोबार को प्रभावित कर सकती है

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विश्स्वास्थ् संगठन की नसीहत उत्तराखंड के पर्यटन कारोबार को प्रभावित कर सकती है
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला 

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, निजी व सरकारी लैब से पिछले चौबीस घंटे में 16 हजार 783 सैंपल की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। इनमें 16 हजार 754 सैंपल की रिपोर्ट की निगेटिव आई है। हरिद्वार में सबसे अधिक नौ लोग संक्रमित मिले हैं। इसके अलावा देहरादून में सात, नैनीताल व पिथौरागढ़ में छह-छह व पौड़ी में एक व्यक्ति संक्रमित मिला है। जबकि अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, टिहरी, ऊधमसिंह नगर व उत्तरकाशी में कोरोना का कोई नया मामला नहीं मिला है। राज्य में अब तक कोरोना के 344631 मामले आए हैं। जिनमें 330858 (96 प्रतिशत) लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। वहीं कोरोना से अब तक राज्य में 7415 मरीजों की मौत भी हो चुकी है।राज्य में अब तक 77 लाख 18 हजार 47 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली खुराक लग चुकी है, जबकि 59 लाख 80 हजार 299 का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। 18 से 44 आयु वर्ग के भी 46 लाख 92 हजार 536 व्यक्तियों को वैक्सीन की पहली खुराक और 33 लाख 76 हजार 952 को दोनों खुराक लग चुकी हैं।ओमीक्रान के बढ़ रहे खतरे को देखते हुए क्रिसमस 2021 को लेकर विश्‍व‍ स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की नसीहत उत्‍तराखंड के पर्यटन कारोबार को प्रभावित कर सकती है। डब्‍ल्‍यूएचओ ने स्‍पष्‍ट रूप से क्रिसमस पर जुटने वाली भीड़ को देखते हुए जश्‍न को टालने की नसीहत दी है। विश्‍व‍ स्‍वास्‍थ्‍य संगठन ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि अगर जश्‍न न टाला गया तो क्रिसमस पर उमड़ने वाली भीड़ से कोविड के नए वैरिएंट का खतरा तेजी से बढ़ सकता है। बता दें कि क्रिसमस और न्‍यू ईयर का जश्‍न मनाने के लिए नैनीताल, मसूरी समेत उत्‍तराखंड के सभी हिल स्‍टेशन के होटल, रिसार्ट, गेस्‍ट हाउस और होम स्‍टे 40 से 80 फीसद तक बुक हो सकते हैं। ऐसे में डब्‍ल्‍यूएचओ की नसीहत पर अगर राज्‍य सरकार अमल करती है एक बार फिर पर्यटन कारोबार प्रभावित हो सकता है।उत्तरप्रदेश और दिल्‍ली समेत अन्य राज्यों में ओमिक्रॉन की दस्तक के बाद अब उत्तराखंड की सीमाओं पर सख्ती कर दी गई है। सभी अस्पताल अलर्ट पर हैं। अस्पतालों में अलग से ओमिक्रॉन वार्ड भी बनाया गया है। दुबई से रानीखेत लौटे चारों लोग सेल्फ मॉनिटरिंग पर हैं। गत दिनों दुबई से रानीखेत लौटे चारों प्रवासियों के ट्रेस हो जाने के बाद प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने राहत की सांस ली। चारों प्रवासी कोरोना की डबल डोज लगा चुके थे और अपने घरोंमें सेल्फ मॉनिटरिंग पर हैं।उत्तराखंड में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। मंगलवार को कोरोना के 29 नए मामले सामने आए हैं। जबकि 30 मरीज स्वस्थ भी हुए। नैनीताल के बीसी जोशी अस्पताल में कोरोना संक्रमित एक मरीज की मौत भी हुई है। वर्तमाल में राज्य में कोरोना के 168 सक्रिय मामले हैं। बागेश्वर, टिहरी व उत्तरकाशी में अभी कोई सक्रिय मामला नहीं है। जबकि देहरादून में सबसे अधिक 58 व नैनीताल में 28 सक्रिय मरीज हैं। पांच जिलों में सक्रिय मामलों की संख्या दस से कम है। ऐसे में चिंता भी बढ़ने लगी है। उत्तराखंड में भी ओमिक्रोन के खतरे का डर मिल रहा है। कारोबारियों की मानें तो, क्रिसमस और 31 दिसंबर पर नैनीताल में करीब 50 करोड़ का कारोबार होता है. लेकिन इस बार अब तक किसी तरह की बुकिंग न होने पर कारोबार की कमर टूटते हुए दिखाई दे रही है. कोरोना के नए वेरिएंट के चलते पर्यटकों का रुझान भी नहीं दिख रहा है. हालांकि, क्रिसमस व न्यू ईयर पर वीकेंड पड़ने के कारण कुछ हद तक भीड़ रहने का अनुमान है. दिसंबर शुरुआत से ही पर्यटकों की आवाजाही शुरू हो जाती है. मगर 2 साल कोरोना के कारण क्रिसमस व न्यू ईयर पर पर्यटक नहीं पहुंचे. सरकारी आंकड़ों पर नजर डालें तो अप्रैल 2021 में पर्यटकों की आमद करीब 80 फीसद तक घट गई थी. कारोबारियों को उम्मीद थी कि 2021 के नवंबर और दिसंबर माह में कारोबार फिर से पटरी पर आ जाएगा. मगर बमुश्किल पटरी पर आया पर्यटन कारोबार फिर लड़खड़ाता नजर आ रहा है. उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव के लिए कुछ समय शेष है। ऐसे में बड़ी-बड़ी जनसभाएं और रैली हो रही हैं। लेकिन इन सब के बीच एक खबर चिंता बढ़ाने वाली है। एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्‍तराखंड में विदेश से आए करीब 490 लोग लापता हैं। डर है कि इनमें से कोई कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन) से ग्रसित न हो। पुलिस और एलआइयू की मदद से इनकी तलाश हो रही है। उत्तराखंड के करीब 1900 लोग विदेश से दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचे। हवाई अड्डे पर उन्होंने उत्तराखंड आने की जानकारी दी पर इनमें से 490 लोग अभी तक ट्रैस नहीं हो पाए हैं। इनके फोन नंबर गलत हैं। ज्यादातर लोग अमेरिका से आए हैं, लेकिन अब इनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य महानिदेशक के अनुसार इन लोग ने हवाई अड्डे पर फार्म में गलत विवरण भरा था। अब इनके दिए गए पते व मोबाइल नंबर के माध्यम से पता लगाने की कोशिश की जा रही है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि ये उत्तराखंड आए भी हैं या नहीं। पुलिस की मदद से प्राथमिकता के आधार पर इनकी तलाश की जा रही है। चिंता यहीं खत्म नहीं होती। ओमिक्रोन के खतरे के बीच राज्य में कोरोना की जांच अब भी सुस्त पड़ी है। कहने के लिए प्रतिदिन बीस हजार सैंपल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है पर सैंपलिंग अभी 10-12 हजार तक ही हो पा रही है। इसमें भी ज्यादातर सैंपलिंग मैदानी जिलों में ही की जा रही है। एक समस्या ये भी है कि चुनावी माहौल में कई बड़े नेता उत्तराखंड पहुंच रहे हैं। प्रोटोकाल ड्यूटी के कारण भी सैंपलिंग का काम प्रभावित हो रहा है। वहीं, बार्डर पर भी सैंपलिंग के नाम पर खानापूर्ति की जा रही है। ऐसे में कोरोना की नई लहर की आशंका से डर लग रहा है।