सड़क टूटने से उर्गम घाटी में फंसे पर्यटक

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सड़क टूटने से उर्गम घाटी में फंसे पर्यटक

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

उत्तराखंड के उर्गमहेलंग का मोटर मार्ग का लगभग 20 मीटर का हिस्सा टूट जाने के वजह से यातायात खासा प्रभावित हुआ है। जिसकी वजह से दो सौ पचास के करीब सैलानी उर्गम घाटी में फंसे हुए है। चट्टानों के टूटने की वजह से इस मार्ग से जुड़े 13 गांवों से संपर्क भी टूट गया हैजोशीमठ विकासखंड स्थित उर्गम घाटी के गांवों को अब ‘पर्यटन ग्राम’ बनाने की कवायद तेज हो गई है. उर्गम घाटी में स्थित पंचम केदार कल्पेश्वर मंदिर के दर्शन कर यहां की खूबसूरती को निहारा। डीएम ने कहा कि घाटी में शीतकालीन पर्यटन, तीर्थाटन और साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने जिला पर्यटन अधिकारी को उत्तराखंड होमस्टे अनुदान योजना में उर्गम घाटी को शामिल करने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए। साथ ही स्थानीय लोगों से क्षेत्र में शीतकालीन पर्यटन के बारे में चर्चा की। जनदेश संस्था के सचिव ने बताया कि यहां पर 12 ट्रेकिंग स्थल हैं, जहां से रुद्रनाथ, वंशीनारायण, फ्यूंलानारायण, बदरीनाथ, नंदीकुंड, मद्महेश्वर, हेमकुंड, पाषाण शिला, भनाईं बुग्याल की ट्रेकिंग पर जाया जा सकता है, लेकिन इन रूटों के रास्ते सही हालत में नहीं हैं। यदि ये रूट सुधरें तो पर्यटकों को आवाजाही में सुविधा होगी। डीएम ने पर्यटन विभाग को इन रूटों के सुधारीकरण के लिए ट्रेक द हिमालय संस्था के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार करने, उर्गम घाटी में होमस्टे संचालन के लिए जल्द सरकारी भूमि चिह्नित कर डीपीआर बनाने के लिए कहा। चट्टान टूटने से उर्गम-हेलंग मोटर मार्ग का करीब 20 मीटर हिस्सा पूरी तरह से ध्वस्त हो गया है। इससे घाटी में घूमने पहुंचे 250 से अधिक पर्यटक फंस गए हैं। साथ ही करीब 13 गांवों का अन्य क्षेत्रों से संपर्क कट गया है।उर्गम घाटी के गांवों के साथ ही पंचम केदार कल्पेश्वर मंदिर को जोड़ने वाली हेलंग-उर्गम सड़क का एक हिस्सा पावर हाउस के समीप अचानक ढह गया। इससे वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। पंच केदार कल्पेश्वर घूमने आए 250 से अधिक पर्यटक घाटी में ही फंस गए हैं। यह सड़क घाटी के एक दर्जन से अधिक गांवों की लाइफ लाइन भी है। मार्ग बंद होने से इन गांवों के लोगों के लिए परेशानी खड़ी हो गई है। इनमें पंच केदार के कल्पेश्वर व ध्यान बदरी मंदिर के अलावा डुमक, कलगोठ, किमाणा, पल्ला जखोला, उर्गम, ल्यारी, थैणा, पंचधार, सलना, तल्ला बडगिंडा, बडगिंडा, गीरा, बांसा, भर्की, भेंटा, पिलखी, ग्वाणा, अरोसी, देवग्राम सहित अन्य गांव शामिल हैं।देवग्राम के प्रधान बताया कि सड़क टूटने की सूचना आपदा कंट्रोल रूम और तहसील प्रशासन को दे दी गई है। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी सड़क को बनवाने की मांग की है। पूर्व ग्राम प्रधान लक्ष्मण सिंह नेगी ने बताया कि घाटी में 250 से अधिक पर्यटक घूमने आए हुए हैं, सड़क टूटने से पर्यटक भी फंस गए हैं। तहसीलदार जोशीमठ ने बताया कि सड़क को सुचारु करने के लिए संबंधित विभाग को अवगत करा दिया गया है।हेलंग उर्गम मार्ग किमी 3 पर भूस्खलन होने से हुआ अवरूद्ध, ग्रामीणों के साथ कल्पेश्वर मंदिर पहुंचे श्रद्धालुओं को भी आवाजाही में परेशानियों का करना पड रहा है सामाना।वृहस्पितिवार को हेलंग उर्गम मोटर मार्ग किमी 3 के पास भूस्खलन से पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया जिससे स्थानीय लोगों को जहंा आवाजाही की समस्या का सामना करना पडा वहीं कल्पेश्वर धाम में दर्शनों के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं के सामने भी एक बडी समस्या खडी हो गयी, वाहनों के साथ पहुंचे श्रद्धालुओं के वाहन भी दूसरी तरफ फंस गये।
सामाजिक कार्यकर्ता ने बताया कि दोपहर के समय अचानक से इस मार्ग पर भूस्खलन हुआ जिससे सडक के पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई उन्होंने बताया कि इस सडक से क्षेत्र के दर्जनों गांवो के लोग लाभान्वित होते हैं लेकिन सडक बंद होने से पूरे क्षेत्र के लोगों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पडेगा। उन्होंने कहा कि उक्त सडक प्रधान ग्रामीण सडक योजना के तहत निर्मित है जिसकी सूचना संबन्धित विभाग अैार तहसील प्रशासन को दे दी गई है लेकिन वर्तमान तक स्थिति जस की तस बीन हुई है। सड़क इस कदर टूट गई है कि यदि समय से ध्यान नहीं दिया गया तो इसकी मरम्मत में महीनों लग सकते हैं। इस स्थिति में विधानसभा चुनाव पर भी प्रभाव पड़ सकता है। इस इलाके में 8 पोलिंग बूथ हैं। पोलिंग पार्टियों के लिए यही एक मात्र मार्ग है.