यात्रियों की संख्या तय करने के बाद चारधाम यात्रा में चुनौतियां बढ़ीं

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यात्रियों की संख्या तय करने के बाद चारधाम यात्रा में चुनौतियां बढ़ीं

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

कोविड महामारी के दो साल बाद चारधाम यात्रा को लेकर लोगों में भारी उत्साह है। इस बार बहुत बड़ी संख्या में यात्रियों के चारधाम आने की संभावना है। आगामी तीन मई को अक्षय तृतीया के दिन गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ चारधाम यात्रा शुरू होगी। जबकि केदारनाथ के कपाट छह मई और बदरीनाथ के आठ मई को कपाट खुलेंगे। कोरोना महामारी के चलते दो साल बाद चारधाम यात्रा पूर्ण रूप से संचालित हो रही है। इस बार  चारधामों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ने की उम्मीद है।चारों धाम में शुरुआती 45 दिन के लिए यात्रियों की संख्या तय करने के बाद चारधाम यात्रा की चुनौतियां बढ़ गई हैं। हालांकि, चारों धाम में यात्रियों की संख्या सीमित करने का निर्णय सरकार ने संबंधित जिला प्रशासन और पर्यटन विभाग से मिली फीडबैक के आधार पर लिया है।इसमें होटल सुविधा, यात्रा मार्ग, पार्किंग व्यवस्था और धामों में दर्शन की व्यवस्था को ध्यान में रखा गया है। लेकिन, अनिवार्य पंजीकरण की शर्त, इसकी निगरानी और क्रियान्वयन में प्रशासन की मुश्किलें बढऩा तय है।कारण, चारधाम के लिए यात्री पहले ही अपना शेड्यूल तय करने के साथ वाहन, होटल आदि की बुकिंग करा चुके हैं। अब तक 3,56,148 यात्रियों ने चारधाम के लिए पंजीकरण कराया है। इनमें यमुनोत्री के लिए 59,395, गंगोत्री के लिए 61,403, केदारनाथ के लिए 1,28,696 और बदरीनाथ के लिए 1,03,692 यात्री शामिल हैं। जबकि, हेमकुंड के लिए पंजीकरण कराने वालों की संख्या 2962 है।उधर, सचिव पर्यटन ने कहा कि धर्मस्व विभाग की ओर से चारधाम में यात्रियों की संख्या निर्धारित कर दिए जाने के बाद अब पर्यटन विभाग भी यात्रियों के पंजीकरण के मद्देनजर अपने साफ्टवेयर में परिवर्तन कर रहा है। विभाग के पास केवल यात्रियों के पंजीकरण का जिम्मा है। अब ये व्यवस्था की जा रही है कि प्रतिदिन तय संख्या के आधार पर ही पंजीकरण हों।उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री दो प्रमुख धाम हैं। गंगोत्री जाने वाले यात्री चिन्यालीसौड़ से लेकर गंगोत्री तक के होटलों में विश्राम करते हैं। जबकि, यमुनोत्री जाने वाले यात्री डामटा नौगांव से लेकर जानकीचट्टी तक की होटल-धर्मशालाओं में ठहरते हैं। उत्तरकाशी के जिला पर्यटन अधिकारी कहते हैं कि उत्तरकाशी से लेकर गंगोत्री तक करीब सात से आठ हजार यात्रियों के ठहरने की व्यवस्था है।गंगोत्री धाम में एक दिन में सात हजार तो यमुनोत्री धाम में तीन से चार हजार यात्री दर्शन कर सकते हैं। इसी तरह यमुनोत्री मार्ग पर होटलों में ठहरने की भी व्यवस्था है। यात्रियों की संख्या का निर्धारण ठहरने की व्यवस्था, सड़क मार्ग, पार्किंग, मंदिर में दर्शनों की व्यवस्था को देखकर किया गया है।वहीं, होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष कहते हैं कि गंगोत्री मार्ग पर चिन्यालीसौड़ से लेकर गंगोत्री तक कम से कम 20 हजार यात्रियों के ठहरने की सुविधा है। इसी तरह यमुनोत्री धाम को जोडऩे वाले यमुनोत्री राजमार्ग पर डामटा से लेकर जानकीचट्टी तक 15 हजार से अधिक यात्री ठहर सकते हैं।पुराना रिकार्ड देखें तो यात्रा के शुरुआती दिनों में ही बाबा केदार के दर्शन करने वालों की संख्या प्रतिदिन 25 से 30 हजार के बीच पहुंच जाती है। ऐसे में यात्रियों की संख्या प्रतिदिन 12 हजार तय करना सरकार के मुसीबत बन सकता है।हालांकि, जिलाधिकारी का कहना है कि प्रत्येक यात्री का रजिस्ट्रेशन हो रहा है, इसलिए यात्रियों का सही आंकड़ा प्रशासन को पहले ही उपलब्ध हो जाएगा। यात्रियों की संख्या अधिक होने पर उन्हें पड़ाव स्थलों पर ही रोकने का प्रयास किया जाएगा।चारधाम के लिए प्रतिदिन यात्रियों की संख्या तय किए जाने से तीर्थ पुरोहितों समेत होटल व अन्य व्यवसायियों में आक्रोश है। सरकार ने अचानक विभिन्न धामों में श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित कर दी है। अचानक लिए गए इस निर्णय से यात्रा काल में भारी अव्यवस्था फैल सकती है। इस व्यवस्था के अनुपालन के लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है। उन्होंने कहा कि सामान्य यात्रियों के दर्शन की क्या व्यवस्था होगी यह स्पष्ट नहीं है। देश के कई प्रांतों से यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं ने पूर्व में ही रेल, बस,धर्मशाला, आश्रम और होटल बुक करा लिए हैं। सरकार के इस आदेश से उन्हें फिर से इस प्रक्रिया से गुजरना होगा। समिति अध्यक्ष ने कहा कि यमुनोत्री, गंगोत्री और बदरीनाथ में श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए पर्याप्त स्थान है। इतना जरूर है कि केदारनाथ में रुकने की समस्या है। इसके लिए सरकार अलग से नीति बना सकती थी। लेकिन सभी धामों के लिए संख्या का निर्धारण कर देना श्रद्धालुओं के हित में नहीं है। ऐसे में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री धाम में तीर्थ यात्रियों की भीड़ को नियंत्रित करने, ठहरने, स्वास्थ्य सेवाएं, बिजली, पानी की व्यवस्था करने में सरकार की परीक्षा होगी।गढ़वाल मंडल विकास निगम के विश्राम गृह में बुकिंग फुल हो चुकी है। चार अप्रैल से केदारनाथ धाम के लिए हेली सेवा के टिकटों की ऑनलाइन बुकिंग शुरू हो रही है। वहीं, केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्य जारी हैं। सरकार के सामने पुनर्निर्माण कार्य जारी रखने के साथ चारधाम यात्रा की व्यवस्थाएं करने की दोहरी चुनौती होगी।हालांकि यात्रा के दौरान सड़क कटिंग के कार्य के चलते यात्री वाहनों को नहीं रोका जाएगा। तीर्थयात्रियों के पंजीकरण की व्यवस्था रहेगी। जिसमें यह तय किया जाएगा एक दिन में कितने लोग यात्रा कर सकते हैं। यात्री वाहनों को जीपीएस सिस्टम से ट्रेक किया जाएगा। सभी विभाग अपने-अपने स्तर पर तैयारियों में जुटे हैं।  इस बार चार धाम यात्रा में तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुये सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम कर लिये गये हैं. मिली जानकारी के अनुसार यात्रा मार्ग में स्थित होटल और धर्मशालाओं में  तीर्थयात्रियों ने पहले से बुकिंग करा ली है.लेकिन तीर्थयात्रियों की संख्या फिक्स होने के बाद पहले से बुकिंग कराने वाले श्रद्धालुओं को परेशानी हो सकती है.