देहरादून। मंगलवार से चारधाम यात्रा शुरू हो रही है। इसके मद्देनजर सोमवार बाबा केदार की चल विग्रह डोली शीत कालीन प्रवास स्घ्थल से रवाना हो गई।
पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ से भगवान केदारबाबा की पंचमुखी डोली ने सुबह 9.35 बजे केदारनाथ धाम हेतु रवाना हो गई है। रविवार को पंच शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में स्थित भोले बाबा के रक्षक भैरवनाथ की विशेष पूजा-अर्चना एवं आरती संपन्न हुई।तीन मई को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए फाटा, 4 मई को भगवान की डोली गौरीकुण्ड एवं 5 मई को केदारनाथ धाम पहुंचेगी। 6 मई को प्रातरू 6 बजकर 25 मिनट पर भगवान केदारनाथ के कपाट भक्तों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
रविवार को ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में आचार्य एवं वेदपाठियों ने देर शाम लगभग सात बजे भैरवनाथ की पूजा-अर्चना शुरू हो गई थी। लगभग दो घंटे तक चली पूजा-अर्चना के बाद बाबा भैरवनाथ की आरती की गई। भैरवनाथ को केदारपुरी का क्षेत्र रक्षक माना जाता है तथा लोक मान्यताओं के अनुसार भगवान केदारनाथ के शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर में भैरव पूजन के बाद भैरवनाथ केदार पुरी के लिए रवाना होते है।