देहरादून/रुद्रप्रयाग। चारधाम यात्रियों के लिए बड़ी मुसीबत तब आई जब केदारनाथ से सीधे बद्रीनाथ जाने के लिए वैकल्पिक रूट चोपता-उखीमठ-मंडल गोपेश्वर मोटरमार्ग पर संसारी ऊखीमठ के बीच भारी भूस्खलन हुआ। दुर्घटना और रास्ते की हालत देख प्रशासन ने आवागमन बंद करवा दिया। दो दिन पहले इसी रास्ते पर दरारें थीं और गुरुवार 12 मई को यहां भूस्खलन हुआ, जिसमें एक पूरी चट्टान नीचे भरभराकर गिर पड़ी। इधर टिहरी से भी खबर है कि ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे की हालत भी खतरनाक बनी हुई है।पहाड़ी टूटने की तस्वीरें जो सामने आईं, उनमें चट्टान टूटने का डरावना दृश्य दिखाई दिया। इस घटना के समय कुछ यात्रियों ने वीडियो भी बना लिये। यात्रियों के लिए महत्वपूर्ण खबर ये है कि यह वैघ्कल्पिक मार्ग बंद होने के बाद अब किस रूट का इस्तेमाल करें। कुंड से बद्रीनाथ या चोपता जाने के लिए रुद्रप्रयाग-कर्णप्रयाग-चमोली या फिर भीरी मक्कू वैकल्पिक मार्ग का उपयोग भी यात्री कर सकते हैं। एनएच 94 ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर रमोल गांव के पास बने स्लाइडिंग ज़ोन का अभी तक ट्रीटमेंट नहीं होने से घंटों जाम लग रहा है और यात्री जान जोखिम में डालकर यात्रा करने पर मजबूर हैं। ऑल वेदर प्रोजेक्ट के तहत हाईवे का चौड़ीकरण किया गया लेकिन कंपनी की लापरवाही और बेतरतीब तरीके से पहाड़ी कटान के चलते नए स्लाइडिंग जोन बन गए। अब यहां घंटों जाम के साथ ही दुर्घटना का खतरा तो अलग, लगातार मलबा और बोल्डर गिर रहे हैं। चारधाम यात्रा शुरू होने से पहले ज़िला प्रशासन ने बीआरओ के साथ मिलकर नए स्लाइडिंग जोन चिह्नित किए थे, लेकिन अब भी कई जगहों पर ट्रीटमेंट नहीं हो पाया है। वहीं बारिश से खतरा और बढ़ गया है। चंबा गंगोत्री हाईवे के लिए कोई वैकल्पिक रूट भी नहीं होने से परेशानी घ्और चिंता ज़्यादा है। दूर दराज से आने वाले यात्रियों कह रहे हैं कि ऑल वेदर प्रोजेक्ट का काम समय से नहीं होने का नतीजा यह है कि एक घंटे की दूरी चार घंटे में तय हो रही है।