देहरादून। पूर्व विधायक कैलाश गहतोड़ी को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के लिए चंपावत सीट छोड़ने का इनाम मिला है। गहतोड़ी को वन विकास निगम का अध्यक्ष बनाकर दर्जाधारी मंत्री का ओहदा दिया गया है। कैलाश गहतोड़ी ने सीट छोड़ने के साथ ही सीएम धामी की जीत के लिए जी-तोड़ मेहनत भी की थी। मुख्यमंत्री की गैरहाजिरी में भी पूर्व विधायक गहतोड़ी ने ही पूरा चुनावी कैंपेन संभाला था।
दरअसल, 14 फरवरी को हुए मुख्य चुनाव में खटीमा सीट से लड़े मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को हार का सामना करना पड़ा था। हालांकि, बीजेपी आलाकमान ने धामी पर ही भरोसा जताकर उन्हें ही सीएम पद सौंपा था। बीते 24 मार्च को उन्होंने अपने 8 मंत्रियों के साथ सीएम पद की शपथ ली थी। हालांकि, ऐसी स्थिति में धामी के लिए अगले छह महीने में किसी विधानसभा से चुनाव लड़ना और जीतना जरूरी था। काफी बीजेपी विधायकों ने सीएम के लिए अपनी सीट छोड़ने की बात कही थी लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने विचार विमर्श के बाद चंपावत विधानसभा को सबसे मुफीद माना। चंपावत से विधायक कैलाश गहतोड़ी ने भी सीएम धामी के लिए खुशी-खुशी अपना त्यागपत्र दे दिया। यही नहीं, कैलाश गहतोड़ी ने धामी की जीत के लिए भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। इसके बाद, 30 मई को उपचुनाव हुआ और 3 जून को सामने आए। नतीजों में धामी ने 55 हजार से ज्यादा वोटों से जीत हासिल कर चंपावत सीट अपने नाम कर ली। हालांकि, इस जीत में धामी से ज्यादा गहतोड़ी की मेहनत की चर्चा हुई। इसके बाद से माना जा रहा था कि गहतोड़ी को उनकी ईमानदारी का फल जल्द मिल सकता है।