उत्तराखंड की बेटी ने समझा पहाड़ की बेटियों का दर्द, अदिति और प्रज्ञा की मदद को आगे आई आंदोलनकारी भावना पांडे
जब सरकारी आयुष्मान कार्ड शो पीस बनकर रह जाए। जब सरकारी अस्पतालों में इलाज न मिल पाए और जब आर्थिक तंगी आड़े आए, तो बेटियों को पिता के इलाज के लिए मजबूरन सड़क पर चंदा मांगने को मजबूर होना पड़ता है। लेकिन राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पहाड़ की इन बेटियों का दर्द समझा और उनकी मदद को हाथ बढ़ाए हैं। अपने पिता के इलाज के लिए अदिति और प्रज्ञा को भावना पांडे ने 1 लाख 11 हजार की राशि दी है। भावना पांडे ने बेटियों से कहा है कि अगर वो चाहें तो उनकी पढ़ाई का पूरा खर्च उठाने को भी तैयार हैं।
दरअसल पिछले दिनों हल्द्वानी से दिल को झकझोरने वाली तस्वीर सामने आई थी। बागेश्वर जिले के गरुड़ ब्लॉक के डारिया धान मिल निवासी गोपाल शर्मा को कुछ दिन पहले ब्रेन हेमरेज हो गया। उन्हें इलाज के लिए सुशीला तिवारी अस्पताल ले जाया गया। आयुष्मान कार्ड नहीं चला तो डॉक्टरों ने गोपाल को निजी हॉस्पिटल में रेफर कर दिया। वहां इलाज पर कई पैसे खर्च हुए लेकिन हालत नहीं सुधरी। जिसके बाद दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल भेजा गया। सफदरजंग अस्पताल में गोपाल शर्मा आईसीयू में हैं। परिवार के पास इलाज के लिए पैसे नहीं बचे हैं। पिता के इलाज के लिए कुछ पैसे इकट्ठे हो जाएं, इसके लिए गोपाल की दो बेटियां 8 साल की अदिति और 7 साल की प्रज्ञा सड़कों पर भटक कर लोगों से चंदा मांग रही हैं। कुछ लोग मदद कर रहे हैं, लेकिन वो पर्याप्त नहीं है।
ऐसे में इन बच्चियों की मदद के लिए राज्य आंदोलनकरारी भावना पांडे आगे आईं। भावना पांडे भी मूल रूप से बागेश्वर के गरुड़ की रहने वाली हैं। भावना पांडे ने बच्चियों को उनके पिता के इलाज के लिए 1 लाख 11 हजार रुपए की राशि दी है। भावना पांडे ने बच्चियों से कहा है कि अगर वो चाहें तो उनकी पढ़ाई का सारा खर्च वे स्वयं उठाना चाहती हैं। भावन पांडे ने बच्चियों को आश्स्त किया है कि भविष्य में उनकी हर संभव मदद करूंगी।