वैश्विक व राष्ट्रीय फलक पर साइबर सुरक्षा के महत्व पर सेमिनार सम्पन्न

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वैश्विक व राष्ट्रीय फलक पर साइबर सुरक्षा के महत्व पर सेमिनार सम्पन्न
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सी एम पपनैं

नई दिल्ली, (एनसीआर) ग्रेटर नोएडा। द इंस्टिट्यूट आफ इलेक्ट्रोनिक्श एन्ड टैलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स (आईईटीई) नोएडा द्वारा, साइबर सुरक्षा की जागरूकता विषय पर आयोजित सेमिनार का आयोजन 2 सितंबर, गलगोटिया कालेज आफ इंजिनियरिंग एंड टैक्नोलाजी, ग्रेटर नोएडा में, देश के जानेमाने साइबर सुरक्षा विषेशज्ञो की उपस्थिति में आयोजित किया गया।

आयोजन शुभारंभ, आईईटीई अध्यक्ष विंग कमाडोर (प्रोफेसर) पी प्रभाकर, जीसीईटी निर्देशक डाॅ मो.असीम कादरी, सेवानिर्वत लैफ्टिनैंट जनरल राजेश पंत तथा कर्नल (डाॅ) बिपिन पांडे, अध्यक्ष आईईटीई नोएडा द्वारा, दीप प्रज्ज्वलित व विद्यादेवी सरस्वती के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।

कर्नल (डाॅ) बिपिन पांडे तथा डाॅ मो.असीम कादरी द्वारा उपस्थित साइबर सुरक्षा विषेशज्ञो, देश के वरिष्ठ इंजिनियरों, पत्रकारो, इंजिनियरिंग व शोध कर रहे छात्रों, साइबर सुरक्षा से जुडे अधिकारियों व तकनीशियनों का सेमिनार मे बडी संख्या मे उपस्थित होने पर अभिनंदन किया गया। आयोजित सेमिनार के राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व, छात्रों द्वारा उक्त विषय पर किए जा रहे शोध कार्यो व नई तकनीको को इजाद कर, दूरगामी, हितकारी परिणामों की प्राप्ति, इत्यादि पर प्रभावशाली प्रकाश डाला गया। विगत माह अगस्त मे उक्त विषय पर आयोजित हुए सेमिनार की सफलता व शिक्षण संस्थान की भावी योजनाओ के बावत प्रकाश डाला गया।

आईईटीई अध्यक्ष विंग कमाडोर (प्रोफेसर) पी प्रभाकर द्वारा व्यक्त किया गया, साइबर सुरक्षा, कम्प्युटर नेटवर्क, प्रोग्राम और डेटा को अनपेक्षित या अनिधिकृत पहुच, परिवर्तन या विनाश से बचाने पर केन्द्रित है। हम सभी सीख रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है, हमे आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता है। हम सबकी जानकारी समान है। टीचर का अनुभव है, वह विद्यार्थियो को सीखाता है। बडे इंस्टिट्यूट विद्यार्थियों को विभिन्न विषयों पर शिक्षित कर, सफलता की राह पर अग्रसर करते हैं। व्यक्त किया गया, साइबर सुरक्षा की बहुत ट्रेनिंग दी जा रही है। इंस्टिट्यूट जो शिक्षा दे रहा है, विद्यार्थी उसे सीखें। यह समय सीखने का है। यह प्रोजेक्ट महत्वपूर्ण है। शोध महत्वपूर्ण है।

आयोजित सेमिनार मुख्य वक्ता, सेवानिर्वत लैफ्टिनैंट जनरल राजेश पंत द्वारा, साइबर सुरक्षा तथा राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर घटित हो रहे साइबर अपराधो पर विस्तार पूर्वक, ज्ञानवर्धक तथ्यों पर प्रकाश डाल, व्यक्त किया गया, साइबर सुरक्षा राष्ट्रीय सुरक्षा से निकटता से जुडी हुई है। साइबर सिक्यूरिटी मे रोज सतर्क रहना पड़ता है, अपनी कमाई गई गाढी पूजी की सुरक्षा के लिए। साइबर अपराध मे निरंतर वृद्धि, उन उपकरणों और सेवाओ की खामियों को उजागर करती है, जिन पर हम निर्भर हैं। सरकार के सभी विभाग साइबर सिक्यूरिटी पर सक्रिय हैं। भारतीय साइबर अपराध समन्वय केन्द्र (14सी), साइबर सुरक्षा नीति 2013, आईटी अधिनियम 2000, महिलाओ और बच्चों के खिलाफ
साइबर अपराध निवारण योजना के तहत, साइबर अपराधो की रोकथाम को नियन्त्रित किया जा रहा है, फिर भी साइबर क्राइम राष्ट्र के लिए बड़ा खतरा बना हुआ है।

व्यक्त किया गया, सभी विद्यार्थियों को इसकी जानकारी होनी चाहिए। साइबर सब क्रियाकलापो से जुड़ा हुआ है। साइबर अटैक कैसे हो रहा है? जागरूक रह, इसकी जानकारी होनी चाहिए। सावधान रहना चाहिए। वैश्विक फलक पर सब भुक्त भोगी हैं। उत्तम तकनीक व जागरूकता के बल इससे बचा जा सकता है।

सेवानिर्वत लैफ्टिनैंट जनरल राजेश पंत द्वारा, व्यक्त किया गया, भारत डिजीटल प्रोद्योगिकी के क्षेत्र मे तेजी से बढ़ते बाजारों में एक है। भारत में 1.15 बिलियन से अधिक फोन। 700 मिलियन से अधिक इंटरनेट उपयोगकर्ता हैं। दुनिया भर मे डेटा उल्लघनों ने भारतीय नागरिको के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा हेतु खतरा पैदा किया है। साइबर हमला व्यक्तिगत या कार्पोरेट आभाषी निकाय पर होते हैं। देश मे साइबर क्राइम 2017-2021 मे 51 फीसद बढ़ा है। रोकथाम के लिए शिक्षा, जागरूकता, ट्रेनिंग जरूरी है। सोशल मीडिया द्वारा, लोगों को व्यापक तौर पर जागरूक करना चाहिए। साइबर सुरक्षा के लिए, अंतरराष्ट्रीय सहयोग जरूरी है। डाटा जो लीक हो रहा है, उस पर रोकथाम जरूरी है।

दो सत्रों मे आयोजित सेमिनार के अन्य विख्यात साइबर सुरक्षा विषेशज्ञो मे, डाॅ निशिकांत ओझा (चीफ स्ट्रेजिटी आफिसर, बीईसीआईएल), अनुज अग्रवाल (सेंटर फार रिसर्च ओन साइबर क्राइम एंड साइबर लाॅ), सेवानिवृत्त मेजर जनरल अमर जीत सिंह (स्ट्रेजिटिक प्रोजेक्टस एंड इंफो सिक्यूरिटी, परसिशटैंट सिस्टम), सेवानिर्वत लैफ्टिनैंट जनरल आर एस पवार, ग्रुप कैप्टन एम के शर्मा, कोमोडोर मुकेश सैनी और मोहित रामपाल (सीईओ, रामोग्नी टेक्नोलोजी) मुख्य थे।

उक्त साइबर सुरक्षा विषेशज्ञो द्वारा व्यक्त किया गया। मिलजुल कर साइबर अपराधो से पार पाया जा सकता है। तकनीक ऐसी हो गई है, जो हम यहां कर रहे हैं, वह साइबर क्राइम करने वाले देख रहे हैं। हर 11 सकैंड में एक अटैक हो रहा है। 2022 में अभी तक 22 लाख अटैक हो चुके हैं। साइबर तकनीशियन रात-दिन राष्ट्र के लिए काम कर रहे हैं, फिर भी अटैक रोकने मे असमर्थ हैं। इंस्टिट्युशन को टार्गेट किया जा रहा है। साइबर क्राइम विभिन्न तरीको से हो रहा है।

साइबर सुरक्षा विषेशज्ञो द्वारा व्यक्त किया गया, साइबर अपराधियों को पकड़ने के लिए बुद्धि दिमांग चाहिए। भारत की राष्ट्रीय एजैंसी व इंडियन कंप्युटर इंमरजैंसी रिस्पांस टीम ने देश की साइबर सुरक्षा से निपटने में प्रगति की है। सरकारी नेटवर्क पर साइबर हमलों मे कमी हुई है।

व्यक्त किया गया, सुरक्षा के नियमो का उल्लंघन करना घातक होता है। यह सामाजिक समस्या ज्यादा है। सभी थानों में साइबर डेस्क है। सरकार ने साइबर क्राइम पीड़ितों हेतु, शिकायत करने के लिए, एक नम्वर 1930 भी जारी किया है। साइबर सुरक्षा बहुत जरूरी हो गई है। किताबी ज्ञान, जो इस विषय पर प्रकाशित है, पढ़ना जरूरी है। साइबर सुरक्षा पर बहुत किताबे प्रकाशित हुई हैं। कई संस्थाओ व संस्थानों ने इन किताबो के ज्ञान की मदद से, 99 फीसद तक धन रिकवर किया है।

व्यक्त किया गया, साइबर सुरक्षा से सम्बंधित यह महत्वपूर्ण सेमिनार है। साइबर क्राइम से विश्व के सभी देश जूझ रहे हैं। उनकी अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। यह समस्या अकेले हल नहीं हो सकती। राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर उच्च कोटि के ज्ञाताओ व तकनीक की जरूरत है।तकनीक मे विशेषज्ञता बेहद जरूरी है। देश हित मे, आर्म फोर्सेस मे खास कर।

व्यक्त किया गया, रूस और यूक्रेन साइबर अटैक कर रहे हैं। देखा जा रहा है, साइबर हथियारों को सुरक्षित रखना बडी समस्या है। कौन अटैक कर रहा है, जानना असंभव है। सवाल है कैसे अटैक रोके? हर क्षेत्र मे अटैक हो रहा है। कोई भी क्षेत्र, साइबर हमलों से अछूता नहीं है। ठग रोजाना नए-नए तरीको से आनलाइन फ्राड को अंजाम दे रहे हैं। यह अपराध का नया चेहरा है, खूब फलफूल रहा है। आज हर व्यक्ति का डाटा कही न कही जमा है, जैसे बैंक, स्कूल, आफिस इत्यादि इत्यादि। साइबर सब जगह कनेक्ट है, लेकिन सुरक्षित नहीं है। इसका कोई क्षेत्र नहीं, सब जगह है।

दूसरे सत्र की समाप्ति से पूर्व सभी साइबर सुरक्षा विषेशज्ञ वक्ताओ को आईईटीई नोएडा अध्यक्ष (डाॅ) बिपिन पांडे, कनविनर ब्रिगेडियर विनोद टंडन, तकनीकी सहयोगी शुवंश तिवारी इत्यादि के कर कमलो पुष्पगुच्छ व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया।

(डाॅ) बिपिन पांडे, अध्यक्ष, आईईटीई नोएडा द्वारा, अवगत कराया गया, जल्द ही साइबर सुरक्षा पर, आईईटीई नौएडा द्वारा एक वर्ष का पीजी डिप्लोमा शुभारंभ किया जायेगा। सभी साइबर सुरक्षा विषेशज्ञ वक्ताओ का ज्ञानवर्धक व महत्वपूर्ण जानकारी देने, सेमिनार कक्ष मे उपस्थित इंस्टिट्यूट के सहपाठियों, गलगोटिया कालेज आफ इंजिनियरिंग एंड टैक्नोलाजी तथा उपस्थित अन्य सभी प्रबुद्ध जनो व सहयोगियों का आभार, कर्नल (डाॅ) बिपिन पांडे द्वारा व्यक्त किया गया। सेमिनार संचालन आत्मन द्विवेदी व गार्गी द्वारा बखूबी किया गया।
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