गीत-संगीत के क्षेत्र मे ‘पर्वतीय स्वर सरिता’ समूह के बढ़ते कदम

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गीत-संगीत के क्षेत्र मे ‘पर्वतीय स्वर सरिता’ समूह के बढ़ते कदम
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सी एम पपनैं

नई दिल्ली। ‘पर्वतीय स्वर सरिता’ समूह द्वारा 1 अक्टुबर को एसएसएस स्टूडियो शकरपुर दिल्ली मे, गीत-संगीत से जुडे, प्रख्यात प्रेरणा श्रोत गीत-संगीत निर्देशको, गायको व समाज के प्रबुद्ध जनो तथा पत्रकारो की उपस्थिति में गीत-संगीत के क्षेत्र मे मेहनतकस, आर्थिक रूप से पिछडे प्रतिभाशाली हर उम्र के, उन गीतकारों को आमन्त्रित कर मंच प्रदान किया गया जो प्रतिभाशाली होने के बावजूद, बडे मंचो पर पदार्पण से वंचित रह जाते हैं। आयोजित फिल्म गीत गायन के इस आयोजन मे, 28 प्रतिभावान गायको द्वारा प्रतिभाग कर, अपनी जादुई आवाज का जलवा, फिल्मी सदाबहार गीतों को गाकर बिखेरा गया।

‘आओ मिलकर गाऐ नगमे नए पुराने, तो आईये झूमे नाचे गाए।’ शीर्षक से आयोजित छह घण्टो तक निरंतर चले इस सदाबहार फिल्मी गीत-संगीत के आयोजन का श्रीगणेश आमन्त्रित अतिथियों के कर कमलो दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। स्टूडियो में उपस्थित आमन्त्रित अतिथियों व गायक कलाकारों द्वारा, उत्तराखंड की उन्नीस वर्षीय अंकिता भंडारी की तस्वीर पर श्रद्धांजलि स्वरूप पुष्प अर्पित कर तथा मुस्कान मिश्रा व आशा नोटियाल द्वारा गीत गाकर अंकिता भंडारी को श्रद्धांजलि दी गई। इस अवसर पर उत्तराखंड के पूर्व राज्यमंत्री सच्चिदानंद शर्मा व मीना खंतवाल द्वारा उत्तराखंड में हुई जघन्य हत्याकांड की घोर निंदा की गई व दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की गई।

‘आपदा मे अवसर’ के तहत बनी सोच के आधार पर एक सु-संस्कृत समाज का निर्माण करने के लिए, सांस्कृतिक व सामाजिक मूल्यों के संवर्धन के साथ-साथ, जनमानस के नकारात्मक विचारों को गीत-संगीत के माध्यम से विलुप्त कर, एकाग्रता की शक्ति को बढ़ाने तथा जन-जन तक संगीत विधा पहुंचे, इस उद्देश्य हेतु ‘पर्वतीय स्वर सरिता’ समूह संचालिका उत्तराखंड पर्वतीय अंचल की, दिल्ली प्रवास मे निवासरत, वरिष्ठ संगीत अध्यापिका, किरण इष्टवाल लखेड़ा, प्रतिबद्ध होकर गीत-संगीत के क्षेत्र मे मेहनतकस उन प्रतिभाओ को जो खास कर आर्थिक रूप से पिछडे होने के कारणवश, बडे मंचो पर पदार्पण से वंचित रह जाते हैं, उनकी भरपूर मदद करने के साथ-साथ, हर उम्र के, उन गीत-संगीत प्रेमियों को उनके शौक पूरे करने, प्रतिभा दिखाने व ख्याति अर्जित करने हेतु आमन्त्रित कर, मंच प्रदान करने का सराहनीय कार्य कर रही हैं।

गीत-संगीत से जुड़ा यह रोचक मसला, किरण इष्टवाल लखेड़ा द्वारा, कोरोना विषाणु संक्रमण की दहशत पर अंकुश लगने व सरकारी दिशा निर्देशो के तहत दी गई छुट के तुरंत बाद, धरातल पर उतारा गया था। पहले गीत-संगीत कार्यक्रम का आयोजन अक्टुबर, 2021 मे, दूसरा दिसंबर 2021 तीसरा अप्रेल 2022,चौथा आयोजन 24 जुलाई 2022 को तथा पांचवा आयोजन माह अगस्त मे गीत-संगीत गुरु जगदीश ढोंडियाल के जन्मदिन पर आयोजित किया गया था।

आयोजित आयोजनों मे अभी तक, करीब दो सौ गायक कलाकारो द्वारा प्रतिभाग कर, अपनी गायन प्रतिभा की छाप छोडी गई है। आयोजित कार्यक्रमो मे, मुख्यतया गायक कलाकारो द्वारा, फिल्मी सदा बहार गीतों व छुटपुट रूप से, उत्तराखंड के लोकगीतों को अपने गायन मे प्रमुखता दी गई है।

संगीत विधा मे दिन-रात मेहनत कर ही मुकाम को हासिल किया जा सकता है। कठिन समय में संगीत, मनुष्य की एकाग्रता को बढ़ाने के साथ-साथ, नकारात्मक विचार नहीं पनपने देता है। संगीत शरीर व मष्तिष्क दोनों को लाभ व राहत प्रदान कर, शरीर को स्वस्थ व मन को शांत बनाए रखता है। भावनाओं को बढाने मे सक्षम है। संगीत के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। संगीत जीवन को सफलता की ओर अग्रसरित करता है। इस विधा को सीखने के लिए, शौक, नियमित अभ्यास और अनुशासन जरूरी है।

उक्त मुख्य तथ्यों व विचारों पर गौर कर तथा साथ ही संगीत विधा का लम्बा अनुभव रखने वाली किरण इष्टवाल लखेड़ा द्वारा नवगठित, ‘पर्वतीय स्वर सरिता’ समूह कार्यकारणी सदस्यों मे, सुधीर बडोला, ओम प्रकाश पोखरियाल, अरूण डोभाल, प्रेम रावत तथा मीनाक्षी खंतवाल मुख्य रूप से जुड़े हुए हैं। समय-समय पर आयोजित गीत-संगीत के कार्यक्रमो मे इस नवगठित समूह को जिन प्रबुद्धजनो का सहयोग प्राप्त होता रहा है, उनमे, कैलाश ग्रुप के प्रबंध निदेशक दिनेश शर्मा, उद्योग जगत से जुडे, राकेश धस्माना, रंगमंच निर्देशक सुशीला रावत, वरिष्ठ रंगकर्मी खुशाल सिंह बिष्ट, शास्त्रीय संगीत गुरु जगदीश ढौंढियाल, उत्तराखण्डी लोकगायिका सुनीता बेलवाल भट्ट, सामाजिक कार्यकर्ता हरेन्द्र सिंह रावत, सचिदानंद शर्मा, सुनीता शर्मा, ज्योतिष विज्ञानी व आर्किटेक्ट नीरज शर्मा इत्यादि के नाम मुख्य रहे हैं।

अभी तक आयोजित गीत गायन के इन छह आयोजनों मे जिन गायक-गायिकाओं द्वारा प्रभावशाली अंदाज में मधुर गीत गाकर अपना नाम रोशन किया गया है, उनमे सुनीता बेलवाल भट्ट, संतोष बडोनी, दिनेश शर्मा, राकेश धस्माना, गंगा ठाकुर, वीना ढौंढियाल, सत्यम तेजवान, सुधीर बडोला, सोनू चंदेल, मीनाक्षी खंतवाल, विमल धस्माना, दिनेश डोभाल, अंजू भंडारी, गायत्री कनवाल, मुस्कान मिश्रा, आस्था नौटियाल, निधि खंडूड़ी, सृष्टि बौंठियाल, ममता कर्नाटक, मीनू रावत, जयश्री रावत, विजय धस्माना, संजय धस्माना, सुनील सिलमाना, मुकेश देवरानी, अरुण डोभाल, ओम प्रकाश पोखरियाल, राजपाल रावत, माला भारद्वाज, बेबी मीताक्षी कर्नाटक, शोभा ध्यानी, तृप्ति, सागर पहाडी इत्यादि का नाम मुख्य रूप मे लिया जा सकता है। उक्त प्रतिभावान, हुनर मंद छिपे हुए होनहार गायक कलाकारों को मंच प्रदान करने का श्रेय समूह संचालिका किरण इष्टवाल लखेड़ा को जाता है।

गीत-संगीत के इस सफल व उद्देश्यपूर्ण, आयोजित कार्यक्रम का मंच संचालन मीनाक्षी खंतवाल ‘मीना’ द्वारा प्रभावशाली अंदाज में किया गया।
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