सुप्रीम कोर्ट ने कहा, केंद्र सरकार बताये ‘अल्पसंख्यक’ की परिभाषा
सुप्रीम कोर्ट ने उस याचिका पर केंद्र से जवाब मांगा है जिसमें पांच समुदायों – मुस्लिम, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसी- को उन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी अल्पसंख्यक दर्जा देने संबंधी अधिसूचना के खिलाफ विभिन्न उच्च न्यायालयों में लंबित याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने का आग्रह किया गया है, जहां वे अल्पसंख्यक नहीं हैं.
शीर्ष अदालत मामले में फैसले के लिये उच्च न्यायालयों में लंबित सभी याचिकाओं को शीर्ष अदालत में स्थानांतरित करने संबंधी वकील और बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई कर रही थी.
बीजेपी नेता का दावा – अप्लसंख्यकों के लिए बनी स्कीमों का नहीं हो रहा ठीक इस्तेमाल
याचिका में आरोप लगाया गया कि स्थिति ऐसी बन गई कि पंजाब में जहां अधिसंख्य आबादी सिखों की हैं तो वहीं जम्मू कश्मीर में बहुसंख्य मुस्लिम आबादी को अल्पसंख्यकों का लाभ मिल रहा है. बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय की तरफ से सीनियर वकील सी एस वैद्यनाथन न्यायालय में पेश हुए. अधिवक्ता अश्विनी कुमार दुबे के माध्यम से दायर याचिका ने कहा गया है कि विभिन्न याचिकाओं और परस्पर विरोधी विचारों से बचने के लक्ष्य से सुप्रीम कोर्ट में स्थानांतरण याचिका दायर की गई है.