उज्जवला सामाजिक संस्था बन रही है महिलाओं को स्वरोजगार देने की प्रेरणा स्त्रोत – वन मंत्री डॉ. हरक सिंह
महिलाओं को स्वरोजगार देने को प्रेरणा बनी उज्जवला सामाजिक संस्था: वन मंत्री हरक सिंह
संस्था अध्यक्ष रश्मि सिंह ने वन मंत्री हरक सिंह रावत को भेंट किया स्मृति चिन्ह
विभिन्न प्रतियोगिताओं में बेहतर प्रतिभाग करने वाले लगभग 35 प्रतिभागियों को दिया प्रशस्ति पत्र
उज्जवला सामाजिक संस्था ने धूमधाम से मनाया संस्था का द्वितीय वार्षिकोत्सव
जूट, बांस और भीमल से बने स्थानीय उत्पादों की लगाई प्रदर्शनी
आर्कषण का केंद्र बना रहा सेल्फी प्वाइंट
कोटद्वार। “सेवा सर्वोत्तम सुख है” के उद्देश्य से क्षेत्र में बेहतर कार्य रही उज्जवला सामाजिक संस्था ने शनिवार को अपना द्वितीय वार्षिकोत्सव रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ धूमधाम से मनाया। इस मौके पर जूट, बांस और भीमल से बने स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई। इसके अलावा कार्यक्रम स्थल पर बना सेल्फी प्वाइंट महिलाओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहा।बद्रीनाथ रोड स्थित प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि प्रदेश के वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत, विशिष्ट अतिथि पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष पौड़ी सुमन कोटनाला, जीएमओयूलि की जनरल मैनेजर ऊषा सजवाण, पूर्व प्रधान काशीरामपुर सुनीता देवी और संस्था की अध्यक्ष रश्मि सिंह ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने संस्था के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि जहां चाह वहां राह होती है। उज्जवला संस्था ने क्षेत्र की बेरोजगार महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर एक सराहनीय कार्य किया है। कहा कि अपने लिए सब जीते हैं, लेकिन दूसरों के लिए जीकर देखों, तो जीवन जीने में अलग ही आनंद आता है। इसी तरह संस्था अपने लिए नहीं बल्कि दूसरों के लिए कार्य कर रही है।कहा कि पहले गांव में भीमल के पेड़ से रस्सी बनाई जाती थी, लेकिन अब गांवों में ऐसा कुछ नहीं है।
ग्रामीण क्षेत्रों में भीमल के पेड़ एक समय में इतने हो गए थे कि लोगों ने उन्हें जलाना शुरू कर दिया, लेकिन उज्जवला सामाजिक संस्था ने गांवों से विमल खरीद कर ग्रामीणों को भी रोजगार दिया है। कहा कि इस तरह की संस्था, जिन्होंने बेरोजगार महिलाओं को स्वरोजगार देकर आत्मनिर्भर बनाया है, ऐसी संस्था के लिए प्रदेश सरकार हमेशा उनके साथ है। इससे पूर्व वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कार्यक्रम स्थल पर जूट, बांस और भीमल के पेड़ से महिलाओं द्वारा बनाये गये स्थानीय उत्पाद भी देखें। उन्होंने संस्था की महिलाओं द्वारा बनाए गए सुंदर उत्पादों की भी प्रशंसा की।