क्या लोकायुक्त को बिठाएंगे तीरथ !
पंद्रह सौ शिकायते लंबित इनमें अधिकांश गंभीर भ्रस्टाचार की
चंद्र प्रकाश बुड़ाकोटी
देहरादून। उतराखण्ड में सात सालों से लोकायुक्त का पद खाली है,राज्य में बढ़ते भ्रस्टाचार पर प्रहार के लिए लोकायुक्त जरूरी है।जबकि पूर्व सीएम त्रिबेन्द्र रावत पूरे चार साल जीरो टालरेंस की बात कर लोकायुक्त की जरूरत को नकार चुके है। हालांकि अब तीरथ रावत राज्य के नए निजाम बने है वे क्या लोकायुक्त को बिठा पाएंगे यह बड़ा सवाल है ? उतराखण्ड में दो हजार सत्रह चुनाव में सरकार आने पर सौ दिनों में लोकायुक्त को देने की बात करने वाली भाजपा,सरकार में आते ही पूरे चार सालो तक लोकायुक्त की नियुक्ति पर बचती रही।जबकि बिपक्ष से लेकर राज्य की जनता लगातार राज्य में भ्रस्टाचार होने,जल्दी लोकायुक्त की नियुक्ति करने की मांग सदन से लेकर सड़क तक उठती रही।पिछले सात सालों से राज्य में लोकायुक्त पद खाली है।सूचना अधिकार से मिली जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त न होने से डेढ़ हजार मामले सुनवाई की इंतजार में लंबित है। बताते चले कि सीएम रहते तीरथ रावत के राजनीतिक गुरु पूर्व सीएम भुवन चंद खंडूरी राज्य में मजबूत लोकायुक्त देने की बात कर चुके थे लेकिन उनके पद से हटते ही लोकायुक्त जैसी महत्वपूर्ण कुर्सी आज तक खाली है। जिस प्रकार से सीएम तीरथ ने चंद दिनों में बैटिंग की है उससे लागता है कि गुरु खंडूरी के अरमानों को अब तीरथ रावत जरूर मूर्तरूप देंगे।
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सात सालों से है लोकायुक्त पद खाली
काशीपुर निवासी आरटीआई कार्यकर्ता नादिमुद्दीन को आरटीआई से मिली जानकारी में साफ बताया गया है कि दो हजार तेरह से राज्य में लोकायुक्त का पद खाली है,लोकायुक्त कार्यालय को इस अवधि में नौ सौ शिकायते मिली है,जबकि पहले से लंबित को मिला दे तो कुल पंद्रह सौ से अधिक शिकायते प्राप्त हुई,जिसमे अधिकांश गंभीर भ्रस्टाचार की है।