पानी सहेजने की ये मुहिम एक मिसाल है….

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पानी सहेजने की ये मुहिम एक मिसाल है….

उत्तरकाशी । उत्तरकाशी में ग्रामीण महिलाओं ने एक मिसाल पेश की है। यहां 22 गांवों की महिलाओं ने एकजुट होकर पानी बचाने की मुहिम शुरू की है जो पूरे देश ही नहीं बल्कि दुनिया के लिए एक मिसाल है। देखते ही देखते इन महिलाओं के साथ सभी ग्रामीण एकजुट हो गए।

इन ग्रामीणों ने उत्तरकाशी के सरमाली जलागम क्षेत्र के बौंठाटॉप में 10 लाख लीटर की चाल-खाल और दस जल कुंड बनाए हैं। यही नहीं आगामी मानसून सीजन से पहले बारिश की एक-एक बूंद को सहेजने का प्लान भी तैयार कर दिया है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने ग्रामीणों की इस सामूहिक पहल का स्वागत किया तथा ग्रामीणों बधाई दी। जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने कहा कि जल संरक्षण का कार्य इसी तरह की सामूहिक पहल से बेहतर तरीके से हो सकता है। जिसमें हर व्यक्ति बारिश के एक-एक बूंद को सहेजने में अपनी जिम्मेदारी निभाए।

जिला मुख्यालय से 50 किलोमीटर दूर डुंडा ब्लाक का भंडारस्यूं क्षेत्र है। इस क्षेत्र में 22 से अधिक गांव हैं। इन गांवों की पेयजल योजनाएं निकटवर्ती बौंठाटॉप के जंगल से निकलने वाले सरमाली गदेरे से संचालित हो रही हैं। लेकिन, पिछले दो दशक से धीरे-धीरे सरमाली गदेरे का जल स्तर कम होता जा रहा है। और गांवों में आबादी बढ़ने से पानी की मांग भी बढ़ रही है।

इन ग्रामीणों ने जो चाल खाल बनाई हैं उनमें 10 लाख टन पानी एकत्र किया जा सकता है। बारिश के दिनों में ये पानी यहां चाल खाल में इकट्ठा होगा जिससे कई गांव वालों को पीने का पानी उपलब्ध हो सकेगा।