सरकार के खिलाफ कल आप करेगी बुद्धि शुद्धि यज्ञ

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उपनलकर्मियों की मांगो को लेकर, मुख्यमंत्री और सरकार के खिलाफ कल आप करेगी बुद्धि शुद्धि यज्ञ – उमा सिसोदिया,आप प्रवक्ता

उपनलकर्मी अपनी मांगों को लेकर लगातार 38 दिनों से धरने पर बैठे हैं । उनकी मांगे अब तक नहीं मानी गई लेकिन सरकार द्वारा बनाई समिति को लेकर भी उपनलकर्मी खुश नहीं है इसलिए अभी तक लगातार वो धरने पर बैठे हैं । आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने एक बयान जारी करते हुए कहा, अब बीजेपी सरकार की असलियत सबके सामने आ चुकी है ,जो उपनलकर्मियों का जबरन दमन कर रही है। हाईकोर्ट ने भी उपनलकर्मियों के हक में फैसला सुनाया ,लेकिन सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट चली गई। अब अपनी फजीहत होती देख ,राज्य सरकार ने उपनलकर्मियों की मांगों पर विचार करने के लिए 6 सदस्यीय समिति बनाई है ,जिनमें दो सदस्य हेमंत रावत और विनोद गोदियाल उपनल से लिए गए हैं ,लेकिन इनका कहना है समिति गठन के बाद हुई पहली बैठक में उपनलकर्मियों के किसी भी सदस्य को नहीं बुलाया गया जिससे उपनल कर्मी नाराज हैं उन्होंने कहा बैठक में उपनलकर्मियों को नहीं बुलाने से अब राज्य सरकार की मंशा पर सवाल खडे होते हैं।

आप प्रवक्ता उमा सिसोदिया ने बताया कि, राज्य सरकार सिर्फ जनता को गुमराह करने के लिए इस समिति का दिखावा कर रही है ,लेकिन सही मायने में राज्य सरकार उपनलकर्मियों को उनके पदों से अवमुक्त करना चाहती है ,जिसका आप पार्टी विरोध करती है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार सत्ता के नशे में इस तरह चूर हो चुकी है कि ,सरकार को आज उपनलकर्मियों के साथ साथ आम जनता की कोई भी समस्याएं नहीं दिखाई दे रही हैं।
उन्होंने कहा कि, उपनलकर्मियों का वेतन इतना अधिक नहीं है कि, उन्हें सरकार वेतन और भत्ते ना दे पाए। जबकि विधायकों और मंत्रियों पर सरकार दिल खोलकर पैसा खर्च करती है। उपनलकर्मी कई विभागों में अपनी सेवाएं कर्मठता से देते आए हैं और कोरोना के दौरान उनकी सेवाएं सबने देखी। सरकार का ये रवैया आज दर्शाता है कि, इस प्रदेश में बिना लडाई के हक मिलना मुश्किल है। इसीलिए आप पार्टी उनकी जायज मांगों का समर्थन करते हुए उनके साथ खडी है इसलिए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और उनकी सरकार की बुद्वि की शुद्वि के लिए कल आप कार्यकर्ता सुबह 11 बजे उपनलकर्मियों के धरना स्थल पर जाकर हवन और यज्ञ करेगी ताकि मुख्यमंत्री और सरकार को उपनलकर्मियों का दर्द समझ आए और उपनलकर्मियों को उनका हक मिल सके।