61 करोड़ खर्च होने के बावजूद नहीं सुधरी एनआरएलएम से जुड़ी बहनों की आर्थिकी- मोर्चा

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61 करोड़ खर्च होने के बावजूद नहीं सुधरी एनआरएलएम से जुड़ी बहनों की आर्थिकी- मोर्चा

वर्ष 2019-20 में भारत सरकार से मिला 29.56 करोड़ तथा वर्ष 2020-21 में 25.40 करोड़ |

5.80 करोड़ है राज्य अंश | #90:10 है केंद्राश और राज्यांश |

बहनें भरी दोपहर पसीना बहाती है मिशन को मजबूत करने को |

मोर्चा बहनों को न्याय दिलाकर ही दम लेगा |

विकासनगर – पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि लगभग 61 करोड़ रुपए खर्च होने के बाद भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) से जुड़ी बहनों की आर्थिकी मजबूत नहीं हो पाई, जबकि बहनें मिशन को मजबूत करने के लिए दिन भर पसीना बहाती हैं |

नेगी ने कहा कि वर्ष 2019-20 में भारत सरकार से राज्य को लगभग 29.56 करोड़ एवं वर्ष 2020-21 में लगभग 25.40 करोड़ बजट के रूप में मिला तथा राज्य अंश के रूप में लगभग 5.80 करोड रुपया खर्च किया गया | केंद्रअंश एवं राज्यअंश 90:10 के अनुपात में निर्धारित है |

अधिकारियों की लापरवाही के कारण अधिकांश मामलों में सही समय पर योजना का लाभ बहनों को नहीं मिल पाता | मोर्चा मिशन से जुड़ी बहनों को उनका हक दिला कर ही दम लेगा तथा बजट का सही उपयोग एवं धरातल पर योजना को लागू कराने के लिए अधिकारियों की नकेल कसेगा | पत्रकार वार्ता में- दिलबाग सिंह, के.सी. चंदेल, ओ.पी. राणा आदि थे |