परेशान स्थानीय लोगो की गुहार पर डीएम बाराबंकी ने नाले की सफाई का जिम्मा बाढ़ खण्ड विभाग को और नाले की सफाई से निकले कूड़े को हटाने का जिम्मा नगर पालिका को सौपा था ।

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बाराबंकी
ब्यूरो चीफ मोहम्मद शानू*

बाराबंकी में बाढ़ खण्ड विभाग और नगर पालिका प्रशासन की खाऊ कमाऊ नीति के चलते नगर के बीचों बीच से निकलने वाला जमुरिया नाला नगर क्षेत्र की आधे से ज्यादा आबादी के लिए मुसीबतों का सबब बन गया है । पिछले कई दशकों में जमुरिया नाले की सफाई न होने के चलते ये नाला पूरी तरह कूड़े करकट से पट गया था और जिसकी वजह से बरसात के मौसम में नाले का गन्दा पानी उफन कर आस पास के रिहायशी इलाकों में भर जाता था जिससे परेशान स्थानीय लोगो की गुहार पर डीएम बाराबंकी ने नाले की सफाई का जिम्मा बाढ़ खण्ड विभाग को और नाले की सफाई से निकले कूड़े को हटाने का जिम्मा नगर पालिका को सौपा था । लेकिन दोनों महकमो की आपसी खींचतान का खामियाजा नगर की जनता को उठाना पड़ रहा है क्योंकि नाले की सफाई के नाम पर जहा बाढ़ खण्ड के अधिकारियो और ठेकेदार ने 16 लाख रुपये तो सरकारी फाइलों में खर्च कर डाले लेकिन नाले को गहराई से साफ करने के बदले महज़ ऊपर ऊपर से ही कूड़ा उठा कर अपने हाथ खड़े कर लिए । वही नगर पालिका प्रशासन ने भी किनारे पर लगाये गए कूड़े को उठाने से हाथ खड़े कर दिए है जिसके चलते जहा स्थानीय लोगो को बरसात के मौसम में नाले में फिर बाढ़ आने का डर सता रहा है वही नाले के किनारे जगह जगह लगे कूड़े के ढेर आम जनता के लिए कोढ़ में खाज साबित हो रहे है । 

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