कुदरत का खूबसूरत तोहफा है ! आँखें है तो दुनिया रंगीन है, वरना चारों ओर अंधेरा है, इसलिए आँखों की सुरक्षा भी जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए, जिन्हें कम नजर आता है या चश्मा लगाना पड़ता है।

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उत्तराखंड प्रभारी डॉ मो मुकर्रम मलिक

सह संपादक अमित मंगोलिया

कुदरत का खूबसूरत तोहफा है ! आँखें है तो दुनिया रंगीन है, वरना चारों ओर अंधेरा है, इसलिए आँखों की सुरक्षा भी जरूरी है, खासकर उन लोगों के लिए, जिन्हें कम नजर आता है या चश्मा लगाना पड़ता है।

यहाँ दिए जा रहे उपायों से आप आँखों की सुरक्षा कुछ हद तक कर सकते हैं। निरंतर नियमित रूप से निम्नलिखित उपाय करें तो हो सकता है आपका चश्मा छूट जाए। यह सब नियम पालन पर निर्भर है।

(1) सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उठते ही मुँह में पानी भरकर बंद आँखों पर 20-25 बार ठंडे पानी के छींटे मारें। याद रखें, मुँह पर छींटे मारते समय या चेहरे को पानी से धोते समय मुँह में पानी भरा होना चाहिए।

(2) धूप, गर्मी या श्रम के प्रभाव से शरीर गर्म हो तो चेहरे पर ठंडा पानी न डालें। थोड़ा विश्राम कर पसीना सुखाकर और शरीर का तापमान सामान्य करके ही चेहरा धोएँ। आँखों को गर्म पानी से नहीं धोना चाहिए।

(3) बहुत दूर के पदार्थों या दृश्यों को देर तक नजर गड़ाकर न देखें, तेज धूप से चमकते दृश्य को न देखें, कम रोशनी में लिखना, पढ़ना व बारीक काम न करें। नींद आ रही हो, आँखों में भारीपन, जलन या थकान महसूस हो तो काम तत्काल बंद कर थोड़ा विश्राम कर लें

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