CM तीरथ के सामने 10 महीने का कार्यकाल और पहाड़ जैसी चुनौतियां

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CM तीरथ के सामने 10 महीने का कार्यकाल और पहाड़ जैसी चुनौतियां

 

देहरादून: बीजेपी विधानमंडल दल ने तीरथ सिंह रावत को उत्तराखंड का नया मुख्यमंत्री चुन लिया है. तीरथ के सामने मुश्किल से 10 महीने का कार्यकाल बचा है. चुनौतियां पहाड़ सरीखी हैं.

  • सबसे पहले तीरथ सिंह रावत को असंतुष्ट खेमों को संतुष्ट करना होगा. इसमें उनकी व्यवहार कुशलता काम आएगी.
  • दूसरा गैरसैंण को मंडल या कमिश्नरी बनाने का जो विवादास्पद फैसला त्रिवेंद्र रावत कर गए हैं उससे पार पाना बड़ी चुनौती है.
  • तीसरा चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड ने बीजेपी सरकार की काफी किरकिरी कराई थी. तीर्थ पुरोहित इसके खिलाफ लंबे समय तक आंदोलनरत रहे. तीरथ इस मसले को कैसे सुलझाते हैं ये देखने वाली बात होगी.
  • चौथा मामला त्रिवेंद्र रावत ने जिला विकास प्राधिकरणों को खत्म करने की घोषणा की थी. लेकिन शासन की ओर से इस पर अभी तक कदम नहीं उठाया गया है. तीरथ रावत के सामने इस मसले को सुलझाना काफी कठिन काम होगा.
  • पांचवा अफसरशाही से तीरथ कैसे निपटते हैं. उनसे कैसे काम लेते हैं इस पर सबकी नजर रहेगी. जानकार हमेशा से कहते रहे कि त्रिवेंद्र को अफसरशाही ने जनता से दूर कर दिया था.
  • छठवां खाली पड़ा राज्य का खजाना तीरथ कैसे भरते हैं ये बड़ा सवाल है. त्रिवेंद्र रावत कई घोषणाएं कर गए हैं. इनमें संस्थाओं, किसानों और जरूरतमंत लोगों को नकदी और चेक देने की घोषणाएं भी हैं. तीरथ सिंह रावत इन्हें कैसे डील करेंगे ये बड़ी बात होगी.
  • सातवां और सबसे अहम मुख्यमंत्री का जनता से जुड़ाव है. त्रिवेंद्र को अकड़ वाला सीएम माना जाता रहा. तीरथ रावत जनता से कितना जुड़ पाते हैं, ये 2022 के विधानसभा चुनाव में भी महत्व रखेगा.
  • आठवां प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था खस्ताहाल है. 2022 के विधानसभा चुनाव में ये बड़ा मसला होगा. तीरथ इसके लिए इतने कम समय में कितना काम कर पाते हैं ये देखना दिलचस्प होगा. क्योंकि जब विधानसभा का बजट सत्र गैरसैंण में चल रहा था तो वहां एक व्यक्ति की तबीयत खराब हो गई थी. स्थिति ये थी कि मरीज को गैरसैंण में ईसीजी की सुविधा तक नहीं मिल पाई थी. उन्हें हल्द्वानी ले जाना पड़ा था.
  • नौवां किसान आंदोलन, महंगाई और स्थानीय मुद्दों पर विपक्षी दल सरकार पर हमलावर हैं. तीरथ कैसे विपक्ष के हमलों को नाकाम करते हुए चुनाव में जनता को लुभाते हैं ये भी बड़ा सवाल है.
  • दसवां प्रदेश में आम आदमी पार्टी की एंट्री हो चुकी है. आप चुन-चुनकर प्रदेश की कमजोर नसों को दबा रही है. मसलन स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क और बिजली-पानी को उन्होंने बड़ा इश्यू बना दिया है. इतने कम समय में तीरथ आप को जवाब कैसे दे पाते हैं ये देखना दिलचस्प होगा.