भाजपा-कांग्रेस के नेताओं के पास विजन का अभाव : भावना पांडे

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नेताओं की सोच, समोसे तलो, नून पीसो, रोजगार पाओ: भावना पांडे
 भाजपा-कांग्रेस के नेताओं के पास विजन का अभाव
 प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग राज्य हित में नहीं किया
देहरादून। राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल द्वारा नून यानी नमक पीसने को रोजगार से जोड़ने की बात को भ्रामक बताया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के नेताओं में विजन का अभाव रहा है। इस कारण राज्य का विकास नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस ने जनता को बरगलाने का प्रयास किया है। इसका खमियाजा जनता पिछले 20 साल से भुगत रही है। उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में जनता भाजपा और कांग्रेस दोनों को सबक सिखाएगी।

 

राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष व सांसद अजय भट्ट ने गगलोडे़ से इलाज की बात कही। अब नयेे मंत्रिमंडल में शामिल पेयजल मंत्री बिशन सिंह चुफाल महिलाओं को नून (नमक) पीसने को रोजगार से जोड़ने की बात कर रहे हैं। पूर्व सीएम हरीश रावत कहीं जलेबी तलते हैं तो कहीं समोसे। आखिर ये नेता जनता को क्या संदेश क्या देना चाहते हैं? क्या रोजगार केवल नून पीसने या समोसे बनाने में ही है।

भावना के अनुसार प्रदेश के नेताओं की संकीर्ण सोच का नतीजा है कि प्रदेश में बेरोजगार बढ़ रही है और प्रदेश कर्ज में डूब रहा है।
भावना पांडे ने कहा कि प्रकृति ने उत्तराखंड को अनुपम उपहार दिये हैं। हमारे यहां के जल, जंगल और जमीन सोना उगल सकती हे, बशर्ते उसका सही उपयोग हो। हमारे पास जड़ी-बूटियों का भंडार है। फल-फूल समेत जैविक उत्पाद हैॅं। इनका सही इस्तेमाल नहीं हो रहा है। हमारे किसानों और उत्पादों को उनकी वस्तुओं का सही दाम नहीं मिलता। सेब-माल्टा, नाशपाती बागों में सड जाती हैं। बाजार नहीं मिलता। ़भावना पांडे ने कहा कि यदि नेताओं की सोच होती तो उद्योग-धंधे लगाए जाते। पर्वतीय उत्पादों को बढ़ावा दिया जाता। आज आलम यह है कि हमारे युवा बाहर की जहरीली शराब और नशे के शिकार हो रहे हैं। यदि शराब से ही प्रदेश चलाना है तो प्रदेश में ही जड़ी-बूटी से शराब और सेब-जौ से फ्रूट बियर बनाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराबबंदी कानून होना चाहिए ताकि युवाओं को नशे की लत से बचाया जा सके।
भावना पांडे के अनुसार हम अपने किसानों और उत्पादकों को बाजार नहीं उपलब्ध कराते। हमारे यहां सहारनपुर और मुजफ्फरनगर और पश्चिमी यूपी से सब्जी और दूध आता है। हमारे यहां पर्यटन की असीम संभावनाएं हैं लेकिन हमारे जीएमवीएन और केएमवीएन के गेस्ट हाउस बदहाल हैं। हम पर्यटन स्थलों में भी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराते तो सैलानी आएंगे कहां से? नये पर्यटन केंद्रा को विकसित करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाएं हैं। ऐसे में नेता नून, समोसे और पकोड़े तलने की ही सलाह देते हैॅं।
राज्य आंदोलनकारी भावना पांडे ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस आम जनता को इन्हीं छोटे-छोटे मुद्दों पर बरगला कर वोट हासिल कर लेती है। इन दोनों दलों के नेताओं के पास पहाड़ के विकास का कोई रोडमैप नहीं है। न ही कोई विजन है। उन्होंने कहा कि प्रदेश को जल्द ही भाजपा और कांग्रेस का विकल्प मिलेगा।