‘गढ़वाल भ्रात मंडल’ द्वारा ‘राम उत्सव 2021’ का आयोजन सम्पन्न

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‘गढ़वाल भ्रात मंडल’ द्वारा ‘राम उत्सव 2021’ का आयोजन सम्पन्न
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सी एम पपनैं

नई दिल्ली। रामलीला उत्तराखंड के लोगों की आस्था का सबसे बड़ा सम्बल रहा है। जिसको मंचित करना, देखना, सुनना और जीवन मे उतारना उत्तराखंडी लोगो की मानसिकता का आदर्श है। दिल्ली प्रवास मे, उत्तराखंड की प्रवासी संस्थाओं द्वारा, उत्तराखंडी प्रवासी बहुल इलाकों मे, लगभग दो सौ के करीब रामलीलाओ के मंचन का आंकड़ा, कोरोना संक्रमण से पूर्व के वर्षो मे रहा है, जो विभिन्न शैलियों व दृष्टियों मे मंचित की जाती रही हैं।

दस दिनो तक मंचित होने वाली उत्तराखंड की कुमांऊनी व गढ़वाली शैली की रामलीला जो प्रत्येक उत्तराखंडी मे आत्मसात है, इस पारंपरिक शैली की रामलीला को, कोरोना विषाणु संक्रमण की दहशत व सरकारी दिशानिर्देशो की बंदिशों के कारण तीन दिनो, 15 से 17 अक्टुबर तक ‘राम उत्सव 2021’ के नाम से मंचित करने की चुनौती, ‘गढ़वाल भ्रात मंडल’, दिलशाद गार्डन नामक सु-विख्यात संस्था द्वारा, बखूबी निभाई गयी। उक्त संस्था का विगत 38 वर्षो से, निरंतर दस दिनी रामलीला मंचित करने का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है।

विभिन्न शैलियो मे, दस दिनों तक मंचित होने वाली उत्तराखंड की रामलीला, राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर सशक्त रूप मे पहचानी जाती है। उक्त दस दिनी रामलीला को मात्र तीन दिनों मे मंचित करने की चुनोती को पहली बार, सन 1985 मे उत्तराखंड के प्रख्यात संगीतकार व लोकगायक मोहन उप्रेती द्वारा, जानेमाने नाट्य निर्देशक बी एम शाह के निर्देशन मे, पर्वतीय कला केंद्र के कलाकारो द्वारा मंचित कर, राष्ट्रीय व वैश्विक फलक पर, ख्याति अर्जित की गई थी। जिसको चुनोती स्वरूप स्वीकार कर,’गढ़वाल भ्रात मंडल’, दिलशाद गार्डन द्वारा, ‘राम उत्सव 2021’ शीर्षक से तीन दिन में, यशपाल गुसाई व विनय नेगी के निर्देशन व सुनील ध्यानी के संगीत निर्देशन मे मंचित कर, जनमानस का ध्यान आकर्षित किया है।

‘राम उत्सव 2021’ का मंचन 15 व 16 अक्टूबर को सांय 7 बजे से रात्रि 10 बजे तक व 17 अक्टूबर को दिन मे 12 बजे से 4 बजे तक सामुदायिक भवन, बी पाकिट, दिलशाद गार्डन दिल्ली मे मंचित कर, चुनोतीपूर्ण सराहनीय प्रयास किया गया, जो श्रोताओं द्वारा सराहा गया है।

‘गढ़वाल भ्रात मंडल’, दिलशाद गार्डन द्वारा, 17 अक्टुबर को अंतिम दिन आयोजित ‘राम उत्सव’ का श्रीगणेश, दिल्ली ईडीएमसी स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन वीरसिंह पवार, पर्वतीय कला केन्द्र दिल्ली के अध्यक्ष चंद्रमोहन पपनैं, गढ़वाल भ्रात मंडल के पूर्व अध्यक्ष विरेन्द्र नोटियाल, आनंद सिंह रावत व आर एस गुसाई द्वारा दीप प्रज्वलन तथा गणेश वंदना के साथ किया गया। राम-रावण युद्ध, रावण वध, श्रीराम, लक्ष्मण, सीता इत्यादि का अयोध्या आगमन व राजतिलक तक का भव्य मंचन किया गया।

‘राम उत्सव’ के अंतिम भाग राजतिलक की समाप्ति के बाद, उत्तराखंड के सु-प्रसिद्ध लोकगायक गजेन्द्र राणा, मुकेश कठैत व आशा जोशी के गीतों मे, बाल नृतको द्वारा, मन लुभावन नृत्य की विभिन्न शैलियों की झलक पेश की गई। मंजु नोटियाल के लोकगायन ने श्रोताओ को मंत्रमुग्ध किया।

‘राम उत्सव’ आयोजक ‘गढ़वाल भ्रात मंडल’ अध्यक्ष राजन भट्ट व महासचिव राहुल काला द्वारा, आयोजन मे उपस्थित मुख्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। संस्था से जुडे युवाओ व महिलाओ के द्वारा दिए गए सहयोग की प्रशंसा की गई, आभार व्यक्त किया गया। आगामी महीनों मे भ्रात मंडल द्वारा, परोपकार व जनसरोकारो के क्षेत्र मे की जा रही, अनेको योजनाओ के बावत अवगत कराया गया।

विगत 38 वर्षो से ‘गढ़वाल भ्रात मंडल’ को किसी न किसी रूप में सहयोग देते आ रहे, प्रबुद्ध जनो मे, डाॅ प्रकाश गहतोडी, आनंद सिंह रावत, अमित भदोला, बलवंत सिंह रावत, इंद्रमनी नोटियाल, शशि लखेडा, डाॅ उमेश वेलवाल, आनंद सिंह नेगी, सतीश चंद्र कंडवाल तथा स्व.प्रेमसिंह रावत को मरणोपरांत मंडल गौरव सम्मान प्रदान किया गया। साथ ही, देवभूमि खेल अकादमी से जुडे रहे उत्तराखंड के अनेको ख्याति प्राप्त खिलाडियों व शिक्षा के क्षेत्र मे अग्रणी रहे विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया, जिसके तहत, प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह भेट किए गए।

मंच संचालक पवन मैठाणी द्वारा अवगत कराया गया, ‘राम उत्सव 2021’ के अंतरगत 15 व 16 अक्टुबर को, रामजन्म, श्रवण कुमार, सीता स्वयंवर व लक्ष्मण-परशुराम संवाद, राम-लक्ष्मण-सीता वन गमन, किष्किंधा मे राम-हनुमान मिलन इत्यादि का मंचन किया गया।

ज्योति ढोंडियाल (कैकयी), सिमरन गुसाई (मंथरा), दीपक शर्मा (रावण) तथा हनुमान की भूमिका मे शिशांक द्वारा प्रभावशाली अभिनय व व्यक्त संवादो के बल, श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

राम, लक्ष्मण व सीता की भूमिका मे क्रमशः दीपक कुमार, अजय नेगी तथा शीतल गुसाई के कर्णप्रिय गायन, व्यक्त संवाद व अभिनय ने श्रोताओं पर गहरी यादगार छाप छोडी।

पात्रो की रूप व वस्त्र सज्जा मे पूजा ढोंडियाल व गंगा नेगी का अनुभव झलकता नजर आया, जो श्रोताओं द्वारा सराहा व पसंद किया गया। तीन दिनी ‘राम उत्सव 2021’ का मंच संचालन पवन मैठाणी तथा लोकगायन के कार्यक्रम का मंच संचालन राजन भट्ट द्वारा बखूबी किया गया।
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