आज शाम चाय पर हुई पत्रकार साथियों के साथ कुछ सार्थक चर्चा…..
राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस पर संगोष्ठी के आयोजन के लिए “विचार एक नई सोच” के संपादक राकेश बिजल्वाण जी का धन्यवाद, आभार।। इस तरह के कार्यक्रम से न सिर्फ सार्थक चर्चाएं होती है बल्कि पत्रकारहित में कुछ अच्छी बातें भी निकलकर सामने आती हैं।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता वरिष्ठ पत्रकार गुणानंद जखमोला जी ने बहुत ही खूबसूरती के साथ आजादी से लेकर वर्तमान दौर की पत्रकारिता को सामने रखा। पत्रकारिता के गिरते स्तर पर बहुत ही बेबाकी के साथ उन्होंने अपनी बात रखी। अपने पत्रकारिता जीवन के बहुत से खट्टे मीठे अनुभव भी सभी साथियों के साथ शेयर किए। तबियत खराब होने के बाद भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए गुणानंद जखमोला सर का कोटि कोटि आभार-धन्यवाद ।।
संगोष्ठी में जुटे पत्रकारों ने की सामाजिक सुरक्षा देने की मांग
देशभर में पत्रकारों पर फर्जी मुकदमों और बढ़ते हमलों पर जताई चिन्ता
राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के अवसर पर आज देहरादून में “विचार एक नई सोच” के कार्यालय में राकेश बिजल्वाण जी के प्रयासों से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर पत्रकारों ने मौजूूदा समय में पत्रकारिता की चुनौतियों और समस्याओं पर विचार किया। पत्रकारों ने इस बात पर चिन्ता जतायी कि मौजूदा समय में पत्रकारों पर हमले बढ़ गये हैं और उनकी सुरक्षा को लेकर खतरा है।
पत्रकारों ने देश के कई राज्यों में पत्रकार को फर्जी मुकदमों में फंसाने पर चिंता जाहिर की। पत्रकारों ने एक सुर में कहा पत्रकारों पर केस दर्ज करने से पहले पूरी जांच की जानी चाहिए। मौजूदा समय में बदले की भावना से कोई भी पत्रकारों को उनके कर्तव्य के निर्वहन में अपने प्रभाव या झूठे मुकदमों से दबाव बना सकता है।
संगोष्ठी में सहमति जतायी गई कि प़त्रकारों की सुरक्षा और सुविधाओ के लिए सरकार से बात की जाएगी। पत्रकार और उनके आश्रितों के लिए कल्याणकारी योजनाओं पर जोर दिया जाएगा। संगोष्ठी में पत्रकारों ने सरकार से मांग की कि कोरोना काल में प्रभावित पत्रकारों के परिजनों को आर्थिक सहयोग के साथ ही उनको सरकारी नौकरी भी दी जाए।
इसके साथ ही राज्य के सभी सक्रिय पत्रकारों को सूचना विभाग में रजिस्ट्रड करते हुए उनको व उनके परिजनों को कर्मचारी सुरक्षा बीमा योजना (ईएसआई) की सुविधा दी जाय ताकि उन्हें व उनके परिजनों को आयुष्मान योजना के साथ ही ईएसआई का स्वास्थ्य लाभ मिल सके।