कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य उत्तराखंड में पूरा

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कोरोना टीकाकरण का लक्ष्य उत्तराखंड में पूरा

 डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

भारत में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के बारे में पता चलने के बाद व्याप्त चिंताओं के बावजूद मास्क पहनने के नियम का अनुपालन निचले स्तर पर बना हुआ है। एक सर्वेक्षण के दौरान केवल दो फीसदी लोगों ने ही माना कि उनके इलाके, शहर या जिले में लोग इस नियम का पालन कर रहे हैं। डिजिटल समुदाय आधारित प्लेटफॉर्म ‘लोकल सर्किल’ की ओर से किए गए एक नवीनतम सर्वेक्षण के अनुसार तीन में से एक भारतीय का कहना है कि उनके क्षेत्र के अधिकतर लोग अपने घरों से बाहर निकलते समय मास्क नहीं पहनते।देश मे कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के मामले सामने आने के बाद तीसरी लहर की संभावना के कयास बढ़ चले हैं। मगर लोगों की लापरवाही खत्म होने का नाम नहीं ले रही। विभिन्न राच्यों और आसपास के शहरों से नैनीताल पहुंच रहे पर्यटक यहां बिना मास्क लगाए धड़ल्ले से आवाजाही कर रहे हैं। इस असावधानी के चलते  संक्रमण फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। बीते करीब दो वर्षों से कोरोना संक्रमण के दौर से सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। केंद्र और राच्य सरकार द्वारा संक्रमण की रोकथाम को लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं। बचाव के लिए वैक्सीनेशन और मास्क के प्रयोग को आवश्यक किया गया है। अब कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रोन के सामने आने के कारण  फिर से संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। मगर सरकार के लाख समझाने के बावजूद सावधानी बरतने में लापरवाही की जा रही है। नैनीताल में आसपास के शहरों तथा दूसरे राच्यों से रोजाना सैकड़ों पर्यटक पहुंच रहे हैं। मगर सार्वजनिक स्थलों पर आवाजाही कर रहे अधिकांश पर्यटक मास्क पहनने से परहेज कर रहे हैं। जो खतरे को दावत देने जैसा है। ऐसे में संक्रमण की तीसरी लहर के प्रभावी होने की आशंका बनी है। कोरोना संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी होने के बाद सरकार को दो बार लाकडाउन लगाना पड़ा है। जिसके बाद पुलिस ही व्यवस्थाएं संभाल रही थी। लाकडाउन खुलने के बाद पर्यटन गतिविधियां सुचारू हुई तो पुलिस चालनी कार्रवाई करती दिखी। जिससे कई हद तक कोविड गाइडलाइन का अनुपालन होता दिख रहा था। मगर बीते कुछ माह से संक्रमण के मामलों में कमी आने के बाद अब पुलिस भी सुस्त हो गयी है। अब न तो सड़को और सार्वजनिक स्थलों पर पुलिस पहले जैसी मुस्तैद दिख रही है और न ही नियमों का उल्लंघन करने वालों पर पहले जैसी चालानी कार्रवाई होती दिख रही है। नतीजतन लोग बिना मास्क ही आवाजाही कर संक्रमण का खतरा बढ़ा रहे हैं।  अस्पताल के पीएमएस डा ने बताया कि संक्रमण के खतरे को देखते हुए कोरोना जांच बढ़ा दी गयी है। रोजाना 300 से 400 कोविड जांच की जा रही है। पर्यटकों की जांच के लिए भी एंट्री प्वाइंट पर खास व्यवस्था की गई है।उत्तराखंड में टीकाकरण 31 दिसम्बर तक पूरा हो पाना धीरे धीरे मुश्किल होता जा रहा है। सोमवार को राज्य भर में महज 37 हजार के करीब लोगों का टीकाकरण हुआ जिससे अब अगले 20 दिन में टीकाकरण का लक्ष्य पूरा करने के लिए हर रोज एक लाख 7 हजार वैक्सीन डोज लगना जरूरी हो गया है। एसडीसी फाउंडेशन के संस्थापक ने बताया कि 11 दिसम्बर तक राज्य में कुल एक करोड़ 33 लाख डोज वैक्सीन दी जा चुकी हैं। जबकि राज्य में कुल एक करोड़ 54 लाख के करीब वैक्सीन डोज दी जानी है। उन्होंने कहा कि तय समय पर लक्ष्य पूरा करेन के लिए हर दिन एक लाख से अधिक डोज लगानी होगी। वर्तमान में राज्य में अभी 151 मरीज सक्रिय हैं। हालांकि कोरोना से ठीक होने वालों की दर 96.01 फीसदी है नीलकंठ महादेव के दर्शन को आया यमुनानगर, हरियाणा का यात्री कोरोना पॉजिटिव निकला है। रविवार को यात्री का आरटीपीसीआर सैंपल स्वास्थ्य विभाग की टीम ने लिया था। कोविड नोडल अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को यात्री की कोरोना जांच की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद यमुनानगर के स्थानीय प्रशासन से संपर्क कर मामले की जानकारी दे दी गई है। मंगलवार को 338 लोगों के आरटीपीसीआर सैंपल लिए गए हैं। इधर, कोविड नोडल अधिकारी ने बताया कि मंगलवार को मुनिकीरेती में 120 लोगों की कोरोना जांच की गई। एक भी मामला अभी तक पॉजिटिव नहीं आया है। हालांकि, टीकाकरण की मौजूदा रफ्तार को देखते हुए यह लक्ष्य पूरा होता नजर नहीं आ रहा।