परेशानी का सबब बनेगा कूड़ा चारधाम यात्रा में
डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला
चारधाम यात्रा के प्रमुख पड़ाव उत्तरकाशी (बाड़ाहाट) में प्लास्टिक कूड़े का प्रबंधन तो दूर की बात है, शहर से हर दिन निकलने वाले 30 से 35 कुंतल कूड़े तक का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। इससे यात्रा सीजन में कूड़े की समस्या विकराल हो जाएगी, जिससे चारधाम यात्रियों को भी जूझना पड़ेगा। सरकारी कारिदे और जनप्रतिनिधि गंगा स्वच्छता का ढिंढोरा पीट रहे हैं, जबकि कूड़ा प्रबंधन के इनके प्रयास हवाहवाई साबित हो रहे हैं।गंगा किनारे बसा उत्तरकाशी नगर पौराणिक नगर है। 1918 से 1957 तक सेनिटेशन कमेटी के तहत उत्तरकाशी नगर में सफाई कार्य का संचालन हुआ। 1958 में पहला पालिका बोर्ड संचालित हुआ। तब से लेकर अब तक नौ बार निर्वाचित पालिका के बोर्ड ने नगर में स्वच्छता का संचालन किया, जबकि चार बार पालिका का संचालन प्रशासक के जिम्मे रहा। लेकिन, आज तक कोई भी निर्वाचित बोर्ड व प्रशासक उत्तरकाशी के कूड़े के प्रबंधन के लिए सही स्थान नहीं चुन पाया। पालिका क्षेत्र से हर दिन 30 से 35 कुंतल कूड़ा एकत्र तो किया जा रहा है लेकिन, केवल प्रबंधन के बजाय उसे केवल ठिकाने लगाया जा रहा है। कुछ स्थानों पर कूड़े को जलाया जा रहा है। अभी तक तांबाखाणी सुरंग के बाहर वाली सड़क पर कूड़ा डाला जा रहा था। लेकिन, वहां भी अब कूड़ा डालने के लिए स्थान नहीं बचा है। एक माह के अंतराल में चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। यात्रा सीजन पर प्रति दिन एकत्र होने वाले कूड़े की मात्रा बढ़ जाती है, जिससे कूड़ा निस्तारण में और अधिक समस्या पैदा होनी तय है। नगर पालिकाध्यक्ष कहते हैं कि उनके सामने बाहाड़ाट पालिका का कूड़ा निस्तारण बड़ी समस्या हैं। तिलोथ के पास अभी कूड़ा निस्तारण स्थल का पूरा निर्माण नहीं हुआ है। अभी तक 1.25 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। राज्य सरकार से धनराशि की मांग की गई है। लेकिन, अभी तक धनराशि नहीं मिली है। साथ ही तिलोथ के निकट बनाए जा रहे ट्रेंचिग ग्राउंड में कूड़ा डालने के लिए केंद्र सरकार से एक अनुमति भी लेनी बाकी है। करीब एक माह बाद चारधाम यात्रा शुरू होने वाली है। पालिका के अनुसार यात्रा काल के दौरान हर दिन 10 टन कूड़ा एकत्र होता है। ऐसे में निस्तारण की व्यवस्था न होने से कूड़ा स्थानीय निवासियों के साथ ही प्रशासन व यात्रियों के लिए भी परेशानी का सबब बनेगा।