जानकीचट्टी में फंसे तीन हजार यात्री 32 घंटे बाद निकल पाए

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उत्तरकाशी। रानाचट्टी के पास शुक्रवार की सुबह बंद यमुनोत्री राजमार्ग अस्थायी रूप से बड़े वाहनों के लिए खोल दिया गया। इसके बाद जानकीचट्टी की ओर 80 बसों में सवार तीन हजार से अधिक यात्री 32 घंटे बाद वहां से वापसी कर सके।
हालांकि, स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी की ओर बड़े वाहनों की आवाजाही को फिलहाल पुलिस ने रोका है। केवल छोटे वाहनों और शटल सेवा के जरिये ही तीर्थयात्रियों को जानकीचट्टी भेजा जा रहा है। शनिवार की सुबह जानकीचट्टी में फंसे यात्रियों ने अव्यवस्थाओं से परेशान होकर प्रदेश सरकार के विरुद्ध नारेबाजी भी की।रानाचट्टी में बीते चार दिनों से मार्ग बार-बार अवरुद्ध हो रहा है। बुधवार शाम को यहां पर भूधंसाव शुरू हुआ, जिससे मार्ग अवरुद्ध हो गया था। गुरुवार शाम इसे सुचारु किया तो विभिन्न पड़ावों पर फंसे 14 हजार से अधिक यात्री निकल पाए।
शुक्रवार की सुबह फिर से यहां भूधंसाव से मार्ग अवरुद्ध हो गया। देर शाम को कुछ समय के लिए मार्ग खुला तो छोटे वाहन निकल पाए। बड़े वाहनों में सवार तीन हजार से अधिक यात्री जानकीचट्टी और खरसाली में फंसे रहे। इन यात्रियों में अधिकांश ने बसों में रात बिताई।शनिवार की शाम साढ़े तीन बजे के करीब जानकीचट्टी में फंसे यात्रियों को निकालने के लिए अस्थायी रूप से मार्ग तैयार किया गया। भूधंसाव जोन से पहले यात्रियों को पैदल भेजा गया तब बसों को निकाला गया। स्यानाचट्टी और बड़कोट की ओर खड़ी बसों को जानकीचट्टी जाने की अनुमति नहीं दी जारी है। इसके अलावा भूधंसाव वाले स्थान पर राजमार्ग प्राधिकरण के बड़कोट खंड की टीम वायरकेट दीवार लगा रही है। इस निर्माण के दौरान बीच-बीच में छोटे वाहनों की आवाजाही रोक-रोक कर की जा रही है।