बदरीनाथ धाम में पेयजल संकट बरकरार

0
382

बदरीनाथ धाम में पेयजल संकट बरकरार

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

बदरीनाथ और केदारनाथ धाम में इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। दोनों धामों में अब तक 3.60 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। मानसून आने से पहले यह संख्या दस लाख तक पहुंचने की उम्मीद है।  उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे स्थित बद्रीनाथ धाम चार धामों में से एक है, जो भगवान विष्णु को समर्पित है। बद्रीनाथ धाम में ऐसे तो साल भर सर्दियों का मौसम होता है। कभी-कभी तो हालात इस कदर हो जाते हैं कि मई-जून में ही यहां पर बर्फबारी होने लगती है।
बदरीनाथ धाम में पुनर्निर्माण कार्यो के चलते कई जगह पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जिससे धाम में पेयजल संकट बना हुआ है। साथ ही श्रद्धालुओं को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।बदरीनाथ धाम में नर पर्वत पर ही ज्यादा धर्मशाला व होटल हैं। परंतु यहां पर बदरीनाथ महायोजना के तहत हो रहे पुनर्निर्माण कार्यों के चलते नर पर्वत से आने वाली पेयजल लाइन बार-बार क्षतिग्रस्त हो रही है। जिससे पुराना बस अड्डा, माणा रोड बस अड्डा, पुलिस तिराहा सहित अन्य स्थानों में पेयजल संकट की समस्या खड़ी हो गई है। क्षतिग्रस्त लाइनों को ठीक करने के लिए जल संस्थान ने यहां पर पर्याप्त कर्मियों की तैनाती की है। लेकिन, पेयजल लाइन में पानी ना होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।जल संस्थान की ओर से जोशीमठ मुख्य बाजार में पर्यटकों व तीर्थयात्रियों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तीन जगह पर वाटर एटीएम लगाए गए हैं। लेकिन, इन तीनों वाटर एटीएम में पानी न मिलने से लोग निराश हैं। नगर पालिका सभासद का कहना है कि गर्मी के दिनों में जोशीमठ नगर में भी पानी का संकट है। बदरीनाथ स्टैंड, नृसिंह मंदिर व तहसील के पास चमोली स्टैंड पर वाटर एटीएम लगाए गए हैं। वाटर एटीमएम एक अच्छी पहल है। परंतु इन एटीएम में पानी ना होने से यह शो पीस बनकर रह गए हैं।बदरीनाथ धाम में सड़क चौड़ीकरण कर रही नेशनल हाईवे ने बस स्टेशन से थाने तक पेयजल लाइन कई जगह क्षतिग्रस्त कर दी है। जिससे कपाट खुलने के बाद से लेकर अभी तक बदरीनाथ धाम में 50 से अधिक होटल, लॉज में पानी नहीं आ रहा है। पेयजल के लिए स्थानीय निवासियों को प्राकृतिक स्रोत की दौड़ लगानी पड़ रही है। कई बार शिकायत के बाद भी जल संस्थान ने पेयजल लाइन की मरम्मत नहीं की, जिससे स्थानीय निवासियों में आक्रोश है।बदरीनाथ धाम में इन दिनों नेशनल हाईवे सड़क चौड़ीकरण कर रहा है। कार्य के दौरान पेयजल लाइन टूटने से बदरीनाथ धाम के अधिकतर हिस्सों में पेयजल संकट गहरा गया है। बस स्टेशन से लेकर पुलिस थाने तक लाइन को कई जगह क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे 50 से अधिक होटल, लॉज में पानी नहीं आ रहा है। दैनिक उपयोग के लिए तो स्थानीय निवासी एनएच के टैंकर से पानी भर रहे हैं। मगर पीने के पानी के लिए प्राकृतिक स्रोतों की दौड़ लगानी पड़ रही है। बदरीनाथ धाम के होटल संचालक का कहना है कि पेयजल लाइन टूटने से पेयजल का संकट पैदा हो गया है। ऐसे में निर्माण कायरे को भी फिलहाल पानी के अभाव में बंद किया गया है। जल संस्थान के धाम में मौजूद कर्मचारियों को कई बार अवगत कराने के बाद भी क्षतिग्रस्त पेयजल लाइन की मरम्मत नहीं की जा रही है। जल संस्थान के कर्मचारी नेशनल हाईवे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं। दोनों विभागों की लापरवाही का खामियाजा स्थानीय निवासियों को भुगतना पड़ रहा है।जल संस्थान के लाख के प्रयासों के बावजूद पेयजल आपूर्ति प्रॉपर नहीं हो पा रही है। एक जगह की आपूर्ति प्रॉपर होते ही दूसरे जगह लाइन टूट जाती है। परिणाम धाम में पेयजल किल्लत लागातार बढ़ रहा है। शासन तक भी स्थानीय लोग बात पहुंचा चुके हैं।ऋषिकेश, देहरादून, हरिद्वार में चारधाम यात्रा मार्ग पर व्यवस्थाएं चाक चौबंद का दावा करने वाली सरकार आदिधाम श्री बदरीनाथ में पेयजल किल्लत का संज्ञान लेने को तैयार नहीं है। सरकार मास्टर प्लान को लेकर जल्दी में है। व्यवस्थाएं इस जल्दी की भेंट चढ़ रही हैं।  एक ओर जहां यात्रा को लेकर दर्शनार्थियों और स्थानीय व्यवसाइयों में उत्साह है। वहीं बदरीनाथ में जमीनी हकीकत यह है कि यहां एक बड़े हिस्से में पानी का संकट जारी है।