चारों धाम में एक ही दिन दर्शनों का स्लाट अब कैसे होंगे दर्शन?

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चारों धाम में एक ही दिन दर्शनों का स्लाट अब कैसे होंगे दर्शन?

डॉ० हरीश चन्द्र अन्डोला

मन में श्रद्धा और भगवान के दर्शन की अभिलाषा लिए कई प्रांतों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु ऋषिकेश पहुंच गए हैं। इनमें 150 श्रद्धालुओं का एक समूह परिवार की तरह यहां पहुंचा है। नई व्यवस्था के तहत 21 मई को इन्हें बदरीनाथ धाम के दर्शन होंगे। तब तक यह श्रद्धालु यहीं पर पड़ाव डाले हैं। जालना औरंगाबाद महाराष्ट्र से आए यह श्रद्धालु आज भी सांझा चूल्हा संस्कृति को जीवित रखे हैं।कोरोना संक्रमण काल के दो वर्ष बाद चारधाम श्रद्धालुओं की भारी आमद से गुलजार हो रहे हैं। आस्था का सैलाब ऐसा उमड़ा है कि शासन और प्रशासन को व्यवस्था बनाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। हजारों किलोमीटर दूर प्रांत से यहां पहुंचे श्रद्धालु यही उम्मीद लेकर आए हैं कि उन्हें अगले रोज यात्रा पर जाने का अवसर प्राप्त होगा।तो हम उसका भी पालन करेंगे। यात्रियों के इस परिवार की खास बात यह है कि यह अपना परंपरागत भोजन और रसोई को साथ लेकर चल रहे हैं। सांझा चूल्हा संस्कृति को जीवित रखे इन श्रद्धालुओं के भोजन की जिम्मेदारी 11 महिलाओं के समूह की है। जिसकी मुखिया 60 वर्षीय भोजन ताई के ऊपर है।चारों धाम में दर्शनों के लिए पर्यटन विभाग की ओर से लागू की गई स्लाट व्यवस्था में तमाम खामियां देखने को मिल रही हैं। यहां तक कि कई हैरतअंगेज स्लाट भी श्रद्धालुओं को दिए जा रहे हैं। मध्य प्रदेश के 64 सदस्यीय यात्री दल को तो एक ही दिन में चारों धाम के दर्शनों का स्लाट जारी कर दिया गया।जबलपुर (मध्य प्रदेश) से श्रद्धालुओं का 64 सदस्यीय दल चारधाम यात्रा के लिए ऋषिकेश पहुंचा है। मंगलवार को पंजीकरण के बाद जब इन श्रद्धालुओं ने धामों में दर्शनों के लिए स्लाट बुक कराया तो उनके होश उड़ गए। दरअसल, इस दल को एक ही दिन में यानी आठ जून को ही गंगोत्री, यमुनोत्री केदारनाथ व बदरीनाथ धाम में दर्शनों का स्लाट आवंटित किया गया है।चारों धाम अलग-अलग रूट पर स्थित हैं जिनके बीच की मोटर मार्ग से दूरी 1100 किमी से भी अधिक है। यह दूरी एक ही दिन में किसी भी सूरत में तय नहीं की जा सकती। यही नहीं, एक दिन में हेलीकाप्टर से भी चारों धाम में दर्शन कर पाना संभव नहीं है।ऋषिकेश से यमुनोत्री की सड़क मार्ग से दूरी 216 किमी, यमुनोत्री से गंगोत्री की दूरी 227 किमी, गंगोत्री से केदारनाथ की दूरी 480 किमी और केदारनाथ से बदरीनाथ की दूरी 218 किमी है। ऐसे में एक ही दिन चारों धाम में दर्शन कैसे हो पाएंगे। दल के मुखिया ने कहा कि धामों में स्लाट व्यवस्था तो सही है, मगर ऐसे अव्यावहारिक स्लाट आवंटन का क्या फायदा।चारधाम यात्रा में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अब सरकार इनके स्वास्थ्य की भी चिंता कर रही है। इस कड़ी में यात्रियों का स्वास्थ्य बिगडऩे की स्थिति में उनके लिए दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है। साथ ही यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त फार्मासिस्ट भी तैनात किए जाएंगे। अभी तक चारधाम यात्रा मार्ग पर 148 फार्मासिस्ट तैनात किए जा चुके हैं। अब इनकी संख्या और अधिक बढ़ाई जाएगी।चारधाम यात्रा में इस समय श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद तय संख्या से अधिक यात्री चारधाम पहुंच रहे हैं। स्थिति यह है कि यात्रा मार्ग पर घंटों जाम लग रहा है। उस पर लगातार बदलता मौसम यात्रियों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव डाल रहा है। यात्रा को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने चारधाम यात्रा मार्ग पर अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के साथ ही चिकित्सकों की भी तैनाती की है।इसके साथ ही स्वास्थ्य उपकरण भी मुहैया कराए गए हैं। इस समय बदरीनाथ धाम व केदारनाथ धाम में बर्फबारी के साथ ही बारिश भी हो रही है। इससे गर्म क्षेत्र से यहां पहुंच रहे यात्रियों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। इन्हें सर्दी, जुकाम, बुखार व सिर दर्द आदि की समस्याएं अधिक हो रही है।स्वास्थ्य विभाग की ओर से इनके लिए दवा तो उपलब्ध कराई गई हैं लेकिन भारी भीड़ के कारण अब दवाएं कम पडऩे लगी हैं। विभाग द्वारा यात्रा शुरू होने से अब तक 37860 श्रद्धालुओं की हेल्थ स्क्रीनिंग एवं उपचार दिए जाने का कार्य किया जा चुका है। इसे देखते हुए सचिव स्वास्थ्य ने स्वास्थ्य महानिदेशक को निर्देशित किया है कि चारधाम यात्रा के दौरान अतिरिक्त फार्मासिस्ट की तैनाती के साथ ही दवाएं भी अधिक मात्रा में उपलब्ध कराई जाएं।स्लाट व्यवस्था के कारण यात्रियों को व्यावहारिक दिक्कतें झेलनी पड़ रही हैं। इस संबंध में संबंधित जिलों के डीएम को अवगत कराया गया है कि वह स्लाट खाली होने की स्थिति में इस तरह के यात्रियों को प्राथमिकता दें। इसके अलावा समस्या के समाधान के लिए पर्यटन विभाग को अवगत कराया जा रहा है। शीघ्र इसमें सुधार किया जाएगा।’चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण में जो भी कमियां रह गई हैं, उन्हें दूर किया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जाएगी कि धामों की वहन क्षमता के दृष्टिगत बुकिंग पूरी होने पर बाकी को प्रतीक्षा सूची में रखा जाए। जो भी आगे स्लाट मिले, उसी के अनुरूप पंजीकरण हो। यह भी देखा जाएगा कि चारों धाम जाने वालों के लिए कुछ अलग व्यवस्था हो। धामों में स्लाट व्यवस्था तो सही है, लेकिन ऐसे अव्यावहारिक स्लाट आवंटन का क्या फायदा.