30 अक्टूबर को होगी महापर्व छठ पूजा

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दिल्ली। दीपावली के ठीक 6वें दिन छठ का त्योहार मनाया जाता है। 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय- खाए के साथ हो जाती है। छठ का त्योहार उत्तर पूर्वी राज्यों में आस्था के साथ मनाया जाता है।
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को आस्था का महापर्व छठ का त्यौहार मनाया जाता है। इस साल 30 अक्टूबर को छठ पूजा मनाई जाएगी। दीपावली के ठीक 6वें दिन छठ का त्योहार मनाया जाता है। 4 दिनों तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय- खाए के साथ हो जाती है। छठ का त्योहार उत्तर पूर्वी राज्यों में आस्था और एक अलग उत्साह के साथ मनाया जाता है। माना जाता है कि पूरे विधि- विधान से छठ पूजा करने पर छठी मईया का आशीर्वाद हमेशा घर परिवार पर बना रहता है।
28 अक्टूबर को नहाय खाए के साथ छठ पूजा का शुभारंभ हो जाता है। इस दिन छठ करने वाली महिलाएं सुबह स्नान कर नए वस्त्र धारण करती है। जिसके बाद चने की दाल ,भात और लौकी की सब्जी बनाई जाती है। इस दिन लकड़ी के चूल्हे पर भोजन पकाना बेहद शुभ माना जाता है।
छठ के दूसरे दिन को खरना कहा जाता है। छठ पूजा में साफ सफाई और स्वच्छता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस दिन सूर्यास्त के बाद छठ करने वाली महिलाएं दूध,चावल और गुड़ से बनी खीर चूल्हे पर बनाती है। शाम के समय भोग लगाने के बाद परिवार के सभी सदस्य गुड़ बनी खीर खाते हैं। खरना के साथ ही महिलाओं का 36 घंटों तक चलने वाला निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।
इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं पूरे दिन छठी मईया की आराधना करती रहती है। एक से बढ़ कर एक गीत- गाकर छठी मईया का आवाह्न करती है। उस दिन शाम के समय छठ का व्रत करने वाली महिलाएं व पुरूष नदी या तालाब में खड़े होकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। छठ एकमात्र ऐसा पर्व है जिसमें डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है।
इस दिन छठ करने वाली महिलाएं व पुरुष नदी या तालाब में खड़े होकर उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद महिलाएं व्रत का पारण करती है। जिसके साथ ही छठ पूजा का समापन होता है।