जनपद में कोविड 19 के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यो की समीक्षा बैठक लेते वन मंत्री डा हरक सिंह रावत

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जनपद में कोविड 19 के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यो की समीक्षा बैठक लेते वन मंत्री डा हरक सिंह रावत

कोटद्वार।प्रदेश के वन एवं वन्य जीव, पर्यावरण, श्रम, सेवायोजन, कौशल विकास, आयुष एवं आयुष शिक्षा तथा कोविड 19 जिला प्रभारी मंत्री डाॅ. हरक सिंह रावत ने आज सर्किट हाउस में जिलाधिकारी गढ़वाल डा0 विजय कुमार जोगदण्डे व संबंधित अधिकारियों के साथ जनपद में कोविड 19 के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यो की समीक्षा बैठक ली। उन्होने जिलाधिकारी से जनपद के वर्तमान में किये जा रहे समुचित कार्यो एवं संक्रमण से बीमार लोगों की अद्यतन जानकारी ली। जिस पर जिलाधिकारी ने जनपद में कोविड 19 के संक्रमण से बचाव एवं रोकथाम हेतु किये जा रहे कार्यो की विस्तृत जानकारी दी। उन्होने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि इस महामारी से बचाव हेतु सभी को सक्रियता के साथ मिलकर कार्य करने की जरूरत है, इसमें जनमानस की सहयोग महत्वपूर्ण है। उन्होने कोरोना के बढ़ते हुए मामलों को देखते हुए प्रदेशवासियों से शादियो को वर्तमान में टालने की अपील की। कहा कि इस समय शादियां टालने से पूरे प्रदेशवासियों पर उपकार होगा। साथ ही प्रदेशवासियों को कोविड 19 के गाइड लाइन का पालन अनिवार्य रूप से करने को। वहीं जिलाधिकारी को जनपद में मौजूद एम्बुलेंस को अपने अपने क्षेत्रों में आवश्यक औषधि के साथ संबंधित डाॅक्टर की तैनाती कर मूवमेंट में रखने के निर्देश दिये। ताकि जनमानस को छोटी छोटी बिमारी का स्थानीय स्तर पर ही दवा मिल सकें। मुख्य चिकित्साधिकारी निर्देशित करते हुए कहा कि अस्पताल में तैनात डाॅक्टरों को रोगियों के उपचार के दौरान सक्रियता से कार्य करने हेतु निर्देशित करें। कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाय।
मा0 मंत्री डा0 रावत ने कहा कि जनपद पौड़ी की सीमाएं विभिन्न जनपदों एवं राज्य से मिलती है जिसमें कई क्षेत्र संवेदनशील है। जिससे लोगों को सतर्कता के साथ रहना जरूरी है। उन्होंने कहा कि श्रीकोट अस्पताल में बढ़ती संख्या में मरीज आ रहे हैं इसको देखते हुए ऑक्सीजन बेड़ो की संख्या को बढ़ाया गया है। इसके अलावा जिला अस्पताल पौड़ी, कोटद्वार, हंस फाउंडेशन अस्पताल सतपुली में भी ऑक्सिजेंट बेड को बढ़ाया जाएगा। कहा की श्रीनगर में 03 यूनिट ऑक्सीजन अभी वर्तमान में चल रही है जिसको जल्द 04 यूनिट किया जाएगा, साथ ही कोटद्वार में ऑक्सीजन प्लांट को जल्द शुरू किया जाएगा। जिससे आम जनमानस को स्वास्थ्य लाभ मिल सकेगा। कहा की एंबुलेंस में 24 घंटे ऑक्सीजन गैस की व्यवस्था की है तथा डॉक्टरों की टीम नियमित रूप से कार्य कर रही है। उन्होने जनपद के नगर निगम, नगरपालिका तथा नगर पंचायत के नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि पर्यावरण मित्र को स्वास्थ्य कर्मी के समान कोविड 19 के मांनक के अनुसार सामाग्री हैंड गल्फस, मास्क तथा सैनिटाइज आदि देना सुनिश्चित करें। जिससे पर्यावरण मित्र अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए साफ-सफाई कर सकेंगे। साथ ही मंत्री ने समस्त चिकित्सकों को निर्देशित किया कि कोई व्यक्ति आपातकालीन में अस्पताल पहुंचता है तो उसकी रिपोर्ट आने तक कोविड 19 के तर्ज पर रेख देख करें। किसी मरीज का ऑक्सीजन लेवल गिर रहा है और उसकी रिपोर्ट नहीं आयी तो उसे पॉजिटिव की तरह ट्रीट करें, कोई रिस्क ना ले। कहा कि उपचार में किसी भी तरह की लापरवाही न हो इस बात को गम्भीरता से लेना सुनिश्चित करेंगे। कहा कि महामारी से निपटने के लिए आयुवेर्दिक होम्योपैथी डॉक्टर भी सेवाएं दे रहे है। उन्होंने कहा कि पूर्व में जनपद पौड़ी सबसे संवेदनशील जिला होने के बाद भी उसे ग्रीन जोन में लाया गया। उस समय भी लोगों का सहयोग पूर्ण रूप से मिला है। उन्होंने आम जनमानस से जरूरी कार्य पड़ने पर घरों से निकलने तथा शादी समारोह का आयोजन कोरोना की स्थिति सामान्य होने पर नई तिथि निर्धारित कर आयोजन करने की अपील की है। कहा कि जिससे आम जनमानस कोरोना संक्रमण से बच सकेंगे।
उन्होंने कहा कि जिले के कुछ क्षेत्रों में 3 मई तक कोविड कफ्र्यू लगाया गया है। जिसे आगे बढ़ाया जा सकता है। कहा कि प्रदेश सरकार ने कॉविड को लेकर जिलाधिकारियों को निर्णय लेने को अधिकृत किया है और कर्फ्यू के संबंध में जिला प्रशासन से बात कर विचार किया जाएगा, ताकि किसी को कोई दिक्कत ना हो। कहा कि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, पुलिस सहित सभी विभाग एक टीम के रूप में काम कर रहे है लेकिन फिर भी इसमें जनता के सहयोग की बहुत आवश्यकता है।इस अवसर पर मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, डीएफओ मुकेश शर्मा, सोहन लाल, मुख्य चिकित्साधिकारी डा. मनोज शर्मा,, उपजिलाधिकारी एस.एस. राणा, अपर पुलिस अधीक्षक अनुप काला, आयुर्वेद चिकित्साधिकारी डा. राकेश कुमार सेमवाल।