मनमाने घोटाले कहने वालों की खैर नहीं।

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मनमाने घोटाले कहने वालों की खैर नहीं।

देहरादून. एक सोशल मीडिया पर छपने वाले अखबार ने खबर छापी थी कि सूचना विभाग में भ्रष्टाचार हो रहा है। इस बाबत एक केबल नेटवर्क की सूची को प्रकाशित कर सूचना विभाग और विभाग के अधिकारियों सहित मुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए। जो जांच में सरासर झूठे पाए गए।
मामला कुछ न्यूज़ चैनल्स का है। एक केबल नेटवर्क ने सूचना विभाग को पत्र लिख कर सूचना दी कि अमुक चैनल्स उसके केबल नेटवर्क में नहीं चलते, लेकिन इन चैनल्स ने उस केबल पर चलने का दावा किया है। इस पूरे मामले की जांच सूचना विभाग ने कराई और आखिर में पाया कि ऐसा कुछ नहीं है।
सूचना विभाग की चैनल्स के लिए निर्धारित नियमावली में उस सूची में निहित कोई भी ऐसा न्यूज़ चैनल नहीं पाया गया जो उस अमुक केबल नेटवर्क के अनुबंध का दस्तावेज़ पेज़ह कर आवेदन सूची में हो।
शिकायत की पूरी विभागीय जांच हुई और पाया गया कि शिकायत झूठी और मनगढ़ंत है, जिसका कोई आधार और सत्यता नहीं है।